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Showing posts from December, 2020

Merry Christmas: हम भी ईसाई हैं

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 हम ईसाई भी है क्रिसमस की मुबारक !            संत विनोबा भावे ने अपनी ऐतिहासिक व आध्यात्मिक कश्मीर यात्रा के दौरान अनेक प्रश्नों व भ्रांतियों का निराकरण सहज में ही कर दिया । जब वे वेदो और उपनिषदों के मन्त्र ,गीता के श्लोक धाराप्रवाह बोलते तो लोग उनसे पूछते की क्या आप हिन्दू है ? क्योंकि नाम व पहनावे से तो नही लगते । जब कुरान शरीफ़ की आयतें बोलते व उनका तरजुमा करते तो लोग पूछते, क्या   क्या आप मुसलमान है ? पर नाम से तो नही लगते । और फिर जब वे बाइबिल के सरमन बोलते, तो लोगों का सवाल होता कि क्या आप क्रिस्तान है ? भाषा और खानपान से तो नही लगते । जब भी अपनी मस्ती में गुरबाणी का पाठ करते तो लोग ऐसा ही सवाल करते । पर हर बार विनोबा का एक ही तरह का जवाब होता ' हां मैं हिन्दू भी हूं । मुसलमान भी हूं ,ईसाई भी और सिख भी । कई लोग व्यंग्यात्मक पूछते कि क्या नास्तिक भी अथवा कम्युनिस्ट भी ,तो भी वे उसी तपाक से जवाब देते ,जी जरूर मैं नास्तिक भी हूं और कम्युनिस्ट भी ।  मेरी गुरु माँ और संत विनोबा की मानस पुत्री दीदी निर्मला देशपांडे इसे बहुत ही रोचक ढंग से...

Journlist : suspicious death of Kerala journalist

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 IFWJ asks for probe into the suspicious death of Kerala journalist New Delhi, 21 December. Indian Federation of Working Journalists (IFWJ) has called for the thorough investigation into the suspicious death of the Kerala journalist SV Prasad (36) in a road accident in Thiruvananthapuram two days ago.  Shri Prasad had worked with many prestigious new channels like Kairali TV, Manorama News, TV 18 Kerala, and Mangalam TV. A foul play is suspected into the fatal accident which took away his life. The accident occurred in broad daylight on the busy street of the State Capital town. It may be noted that Shri Pradeep had run a series of reports on the gold smuggling scandal, and other crimes allegedly involving politicians and their families. The wife of the killed journalist has said that her husband was under tremendous pressure. He was getting threats to withdraw his plea before the CBI court to probe the honey- trap case involving many bigwigs of the government. In a joint stat...

Muslim for INDIA : भारत के लिए मुस्लिम

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भारत की आज़ादी के लिए मुस्लिमों का गौरशाली इतिहास   Courtesy by : Soheb Khan, Sr. Journlist. 

Media: मीडिया समाज को शिक्षित करे : रजनीश शुक्ल

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मीडिया समाज को शिक्षित करे : डॉ रजनीश शुक्ल मीडिया, समाज और मूल्य' विषय पर संवाद आयोजित मूल्यानुगत मीडिया के संपादक प्रोफेसर कमल दीक्षित ने मीडिया संवाद कार्यक्रम के विषय को बहुत ही समसामयिक और आज की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि, मूल्य धीरे-धीरे बिखर रहे हैं। समाज व्यक्ति केंद्रित हो गया है। सर्वकालिक मूल्य बिखरने से समाज टूट रहा है। हमारी स्पर्धा के मूल्य भी बदल गए हैं। मीडिया समाज की सेवा के लिए है, समाज को अपडेट करने के लिए है। लेकिन अब मीडिया समर्थ व्यक्ति, बाजार और सत्ता के लिए काम करने लगा है। अध्यात्म ही एकमात्र ऐसा उपाय है जो इस सब को बदल सकता है। अध्यात्म स्वयं को बदल सकता है। उन्होंने गैर बराबरी और स्पर्धा के विपरीत आध्यात्म को बताया।

Boris Johnson chief Guest on Republic day : बोरिस जॉनसन आएंगे अपनी ससुराल

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 जानसन अपने ससुराल में ! के. विक्रम राव ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिश जॉनसन 72वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2021) पर नई दिल्ली में विशेष सरकारी अतिथि होंगे। वे बापू की समाधि (राजघाट) पर पुष्प चढ़ाने भी जायेंगे। इतिहास की विडंबना है कि साम्राज्यवादी ब्रिटेन का शासनाध्यक्ष एक महानतम बागी के समक्ष माथा टेकेगा। पहले भी ऐसा हो चुका है। जब—जब ब्रिटिश सत्तासीन लोग यात्रा पर भारत आये थे।  लेकिन बोरिस जॉनसन का आना भिन्न होगा। वे रिश्ते से अपनी ससुराल में आयेंगे। वे नरेंद्र मोदी के अटूट प्रशंसक हैं। अपने को भारत का जामाता कहने में गौरव महसूस करते हैं। हालांकि वे अलग  किस्म के दामाद हैं। उनकी (दूसरी तलाकशुदा) पत्नी मारिना ह्वीलर की माता (सरदारनी दीप सिंह कौर) सरगोधा (अब पाकिस्तानी पंजाब में) की थीं। उनके पिता सर शोभा सिंह को ब्रिटिश राज ने कनाट प्लेस के निर्माण का ठेका दिया था। अर्थात उनके बड़े पुत्ररत्न-पत्रकार सरदार खुशवंत सिंह अपने रिश्ते में बोरिस जॉनसन के सौतेले चचिया ससुर हुए। शायद इसी रिश्तेदारी के नाते ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि भारत से ब्रिटेन का व्यापार अब दोगुना किया...

release to Faizal Khan : गांधीवादी फैजल खान को रिहा करें

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गांधीवादी फैजल खान को रिहा करें के. विक्रम राव गांधीवादी सेक्युलर सामाजिक कार्यकर्ता फैजल खान को मथुरा जेल से रिहा किया जाये। जिला पुलिस की नजर में मंदिर में नमाज पढ़ना अपराध है। अत: फैजल और उनके साथी नीलेश गुप्त तथा आलोक रतन को जेल में डाल दिया गया। महीना बीता, जमानत भी नहीं मिली। यह घटना वैष्णव कवि रहीम और रसखान की परंपरा के विपरीत है। कबीर की चेतावनी स्मरण आती है कि :       ''दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय।      बिना जीव के श्वास से, लोहा भसम हो जाये।'' इस विधि—स्नातक और सर्वधर्मसद्भाव के आस्थावान फैजल खान के विषय में थोड़ा परिचय पहले कर लें। वे भारत के खुदाई खिदमतगार संस्था के राष्ट्रीय संयोजक हैं। खुदाई खिदमतगार (ईश्वर के सेवक) संगठन की स्थापना 1929 में पेशावर में सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान ने की थी। इसे मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत के एजेन्टों का गिरोह कहा और इस्लामी पाकिस्तान का शत्रु बताकर गैरकानूनी करार दिया था। इसके नेता और पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत के मुख्यमंत्री रहे डा. खान अब्दुल जब्बार खान की निर्वाचित सरकार को (1947) बर्खास्त कर, फौजी ...