काटजू जी बधाई के पात्र
पत्रकारों और उनके हक के लिए प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्केंडय काटजू अपनी नई पहल के लिए बधाई के पात्र हैं। मैं उनको जहां इसके लिए बधाई देता हूं, वहीं उनसे यह भी उम्मीद करता हूं कि वह हमेशा पत्रकारों के हकों के लिए अपनी सजगता दिखाते रहेंगे।
नई पहल में प्रेस की आजादी के अतिक्रमण की शिकायतों के मद्देनजर प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि वह जमीनी हालात का जायजा लेने और तथ्यों की जानकारी के लिए उन जगहों पर टीमें भेजेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में प्रेस की आजादी पर खतरा है, लिहाजा टीम उन जगहों पर भेजने का इरादा है, जहां से इस तरह की ज्यादा शिकायतें ज्यादा मिली हैं। प्रेस की आजादी का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। काटजू ने प्रेस परिषद के सदस्यों से भी विचार मांगे हैं। उन्होंने सरकारी एजेंसी और संगठनों द्वारा पत्रकारों या मीडिया प्रतिष्ठानों पर हमले, सरकार की आलोचना करने वाले अखबारों के विज्ञापन रोकने जैसे अन्य हथकंडे अपनाए जाने का भी जिक्र किया है। जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्रियों को इस संबंध में कड़ा पत्र पहले ही भेजा जा चुका है। साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को भी पत्रकारों की मान्यता के नए नियमों पर आपत्ति जताते हुए पत्र भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए के तहत अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है। प्रेस परिषद एक्ट 1978 की धारा 13 (1) के तहत प्रेस की आजादी की का संरक्षण प्रेस काउंसिल का दायित्व है।

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