अन्ना दिशा भटके, बने पीपली लाइव के नत्था मैं गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को उन्होंने अपनी टीम के कुछ स्वार्थी लोगों के कहने पर जिस तरह से कांग्रेस के खिलाफ मोड़ दिया है, उससे लगता है कि वे दिशा भटक गए हैं और मीडिया ने उनको आमिर खान की फिल्म का नत्था बना दिया है। जिस तरह पीपली लाइव में एक ग्रामीण नत्था को मीडिया ने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर उसके सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक की सभी कवरेज को चाट मसाला बनाकर परोसा, ठीक उसी तरह इन दिनों अन्ना हजारे को हर समय परोसा जा रहा है। राजनीतिक दल भी अन्ना को अपने फायदे और दूसरे के नुकसान के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। अन्ना हजारे को कुछ एनजीओ माफिया इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी प्रारंभिक लड़ाई यहां तक तो ठीक है कि उन्होंने सरकार और विपक्षियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त लोकपाल बनाने के लिए मजबूर किया, लेकिन यह जिद करना कि उनके अनुसार उनकी शर्तों के आधार पर लोकपाल बने, यह पूरी तरह गलत है। भारत एक प्रजातांत्रिक देश है जहां कानून बनाने का काम संसद को है. ...
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Corona Lockdown : आम जनता पर पाबंदी, पूर्व प्रधानमंत्री के पौत्र की शादी में दिखी भीड़
कर्नाटक में कुमारस्वामी के बेटे की शादी, ट्विटर पर फूटा लोगों का गुस्सा, पूछा- 'कहां है सोशल डिस्टेंसिंग' कोरोना वायरस के चलते जहां पूरे देश में लॉकडाउन है, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा के पौत्र एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे की बेंगलुरु में शादी से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय सिर्फ आम जनता के लिए हैं? एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल का विवाह पूर्व मंत्री एम. कृष्णप्पा की भतीजी रेवती से हुआ है। शादी से पहले कहा जा रहा था कि कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी, केवल सीमित मेहमानों को ही आमंत्रित किया जाएगा, लेकिन जो फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, वो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। एक वीडियो में दिखाया गया है कि दूल्हा-दुल्हन के साथ कुछ मेहमान खड़े हैं, मगर उनके आसपास दर्जनों कैमरामैन हैं, तो ऐसे में क्या इसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कहा जाएगा? लॉकडाउन के बीच इस शादी को लेकर लोग काफी गुस्से में हैं। सोशल मीडिया पर यह पूछा जा रहा है कि आखिर कर्नाटक ...
26/11 what mumbai diaries/Expose irresponsible electronic media/ Live reporting of TV became helpful to terrorists
मुंबई डायरीज 26/11 : गैर जिम्मेदार इलेक्ट्रानिक मीडिया को किया बेनकाब टीवी की लाइव रिपोर्टिंग बनी आतंकियों की मददगार मुबाहिसा ः आर.के. मौर्य भा रत में 26 नवंबर 2011… मुंबई के लिए, महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐसी रात थी, जिसमें टेलीविजन पर इंसानियत को गोलियों से छलनी होते हुए देखा, बम विस्फोट में भाईचारे के चीथड़े उड़ते देखे। देश की अखंडता को चुनौती देते हुए आतंकवादियों के हाथों सैकड़ों मासूम लोगों को मरते देखा। उस रात और उसके बाद के करीब 60 घंटों तक दुनिया ने देखा कि पाकिस्तान जैसा मामूली देश, हिंदुस्तान से नफरत करने के नाम पर उनकी सेना और आतंकवादियों के ज़रिये कैसे मुंबई जैसे महानगर पर हमला करता है और वहशत का एक ऐसा अश्लील नृत्य होता है, जिसे देखकर पत्थरदिल लोग भी पिघल कर रो पड़े थे। इसी पूरे मंजर को दिखाते हुए नौ सितंबर को प्रदर्शित हुई वेब सीरीज "मुंबई डायरीज 26/ 11" में निर्देशक निखिल अडवाणी और निखि...
निधि का ही रुपया क्यो देते है यह लोग
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