दीपावली के अवसर पर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू होने पर सभी पत्रकार साथियों को बधाई। मैं आईएनएस से भी प्रार्थना करना चाहता हूं कि इसमें अवरोध पैदा करने की बजाय इसे लागू करने में सहयोग प्रदान करें।
अन्ना दिशा भटके, बने पीपली लाइव के नत्था मैं गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को उन्होंने अपनी टीम के कुछ स्वार्थी लोगों के कहने पर जिस तरह से कांग्रेस के खिलाफ मोड़ दिया है, उससे लगता है कि वे दिशा भटक गए हैं और मीडिया ने उनको आमिर खान की फिल्म का नत्था बना दिया है। जिस तरह पीपली लाइव में एक ग्रामीण नत्था को मीडिया ने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर उसके सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक की सभी कवरेज को चाट मसाला बनाकर परोसा, ठीक उसी तरह इन दिनों अन्ना हजारे को हर समय परोसा जा रहा है। राजनीतिक दल भी अन्ना को अपने फायदे और दूसरे के नुकसान के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। अन्ना हजारे को कुछ एनजीओ माफिया इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी प्रारंभिक लड़ाई यहां तक तो ठीक है कि उन्होंने सरकार और विपक्षियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त लोकपाल बनाने के लिए मजबूर किया, लेकिन यह जिद करना कि उनके अनुसार उनकी शर्तों के आधार पर लोकपाल बने, यह पूरी तरह गलत है। भारत एक प्रजातांत्रिक देश है जहां कानून बनाने का काम संसद को है. ...
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