केंद्र सरकार का अच्छा कदम
केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के मामलों में राहत राशि दिए जाने के प्रावधान में बदलाव करते हुए राहत राशि में बढ़ावा कर दिया है। सरकार का यह फैसला सराहनीय है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक संशोधित नियम 2011, 23 दिसंबर 2011 से प्रभावी माना जाएगा, इसके मुताबिक कमाने वाले किसी एससी/एसटी की हत्या के मामलों में मुआवजे की राशि दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये,  बेरोजगार की हत्या के मामले में मुआवजा एक लाख से बढ़़ाकर 2.5 लाख और एससी/एसटी महिलाओं के साथ यौन शोषण के मामलों में मुआवजा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.2 लाख रुपये कर दिया गया है। इन नियमों की प्रतियां दलितों में जागरुकता फैलाने वाले एक स्वयंसेवी संगठन द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराई गई। इन नियमों में यह भी कहा गया है कि धारा 3(1) भाग-एक से धारा 3(1) भाग-दस तक आने वाले सभी मामलों में राहत राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दी गई है। साथ ही सेवा विक्रय संबंधित मामलों में भी मुआवजा 25 हजार की बजाय 50 हजार मिलेगा।

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