अब ओमपुरी की नजर में अन्ना भी अनपढ़ गंवार
दिल्ली में अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान पूरी संसद को अनपढ़ गंवार बताकर फंसे फिल्म अभिनेता ओमपुरी ने अन्ना हजारे को भी अनपढ़ गंवार बताते हुए चार-छह लोगों के हाथों की कठपुतली बताया है। पंजाब में एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने यह बयान देकर नया बखेड़ा खड़ा किया है। ओमपुरी के अनुसार अन्ना की अपनी कोई समझ नहीं है। वह तो वही करते हैं जो अरविंद केजरीवाल सरीखे लोग उनसे करवाते हैं। देर से ही सही अन्ना की आरती उतारने वाले लोगों को भी अब असलियत समझ में आने लगी है। वे जानने लगे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की आड़ में टीम अन्ना का असल खेल कुछ और ही चल रहा है। mirror of society : समाज का आईना है "फीका लड्डू"
समाज का आईना है "फीका लड्डू" वरिष्ठ साहित्यकारों ने की डॉ पुष्पलता की पुस्तक फीका लड्डू की समीक्षा" समीक्षक एवं संपादक साहित्यकार डॉ अलका वशिष्ठ ने कहा , तीन बार पढ़ चुकी हूँ कहानी, बहुत सारे भाव विचार और प्रश्न उमड़ रहे हैं। यह दाम्पत्य जीवन की कड़वी सच्चाई है। आकर्षण दैहिक हो या मानसिक यदि एकतरफा हो तो बिखराव बना रहता है। ना जाने कितने दम्पति इस त्रासद अवस्था को झेल रहे हैं। समाज का आईना है ये कहानी। कहावत भी है शादी ऐसा लड्डू है,जो खाए वो पछताए,ना खाए वो भी । इस कहानी ने दिमाग में हलचल मचा दी है। हिंदुस्तान के सम्पादक सूर्यकांत द्विवेदी ने कहा बहुत ही सुंदर कहानी है। अद्यतन पढ़ता चला गया। बाकमाल। बड़ा पेड़ पौधे को नहीं पनपने देता। जीवन के अंतर्द्वंद्व को बहुत सुंदरता से आपने लिखा है। यशपाल सिंह संपादक "जनवाणी"ने कहा यथार्थ उतारा है कागजों पर । वरिष्ठ साहित्यकार एवं समीक्षक डॉ राम गोपाल भारतीय ने कहा ,कथाकार डॉ पुष्पलता की कहानी फीका लड्डू गृहस्थ जीवन में पल- पल बदलते काल्पनिक और यथार्थपूर्ण मनोभावों का सजीव दस्तावेज है लेखिका को बधाई। गिरीश पंकज
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