भावी योजना की बुनियाद रखी सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने
रक्षा सौदे में ‌14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश का एक वर्ष बाद अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ अर्से पहले जनरल वीके सिंह द्वारा खुलासा किया जाना सस्ती लोकप्रियता के लिए उठाया गया कदम ही माना जाएगा। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने जिस तरह सीना ठोककर संसद में कहा है कि उनको एक पार्टी के दौरान सेनाध्यक्ष सिंह ने एक साल पहले यह जानकारी दी थी और उन्होंने इस पर कार्रवाई को उनसे कह दिया था। ऐसे में साफ है कि जिस तरह से अनौपचारिकता में सेनाध्यक्ष ने एंटनी से कहा, ठीक उसी तरह उनके द्वारा अनौपचारिक तौर पर कार्रवाई के लिए कह दिया। जितना मैं या अन्य राजनीतिक लोग एंटनी को जानते हैं, वह औपचारिक तौर पर सेनाध्यक्ष द्वारा कार्रवाई की अनु‌मति मांगने पर कतई पीछे नहीं हटते। आर्मी चीफ अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले जिस तरह से मीडिया से रुबरु होकर जो खुलासे कर रहे हैं, वह निश्चित ही सेवानिवृत्ति के बाद उनके द्वारा अपने व्यस्थ रहने के‌ लिए भविष्य की योजनाओं की बुनियाद रखी जा रही है। उनके द्वारा जन्मतिथि के लिए बखेड़ा खड़ा करने को भी इसी तरह लिया जाना चाहिए चूंकि उनकी उम्र के लोग भली भांति जानते हैं कि पहले बिल्कुल ठीक जन्मतिथि बहुत ही सीमित लोगों की अंकित की जाती थी। सबकी सही जन्मतिथि हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में दर्ज तिथि को ही सही माना जाता था और उसी को अभिलेखीय सच मानकर समस्त औपचारिकताएं पूरी की जाती थी।  

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