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Showing posts from January, 2013
आशीष नंदी ने आईना दिखाया ! प्रमुख समाजशास्त्री आशीष नंदी ने जयपुर साहित्य महोत्सव में कहा था कि ज्यादातर भ्रष्ट लोग पिछड़ी और दलित जातियों से आते हैं। उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में बवाल मचा हुआ है। राजस्थान के मीणा समाज के नेता राजपाल मीणा ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी थी। महोत्सव परिसर के बाहर युवाओं का समूह, यह कौन है नंदी, जिसकी सोच है गंदी, स्लोगन वाले पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते देखे गए। जयपुर के अंबेडकर चौक पर धरना भी दिया गया। दलित नेताओं ने आशीष नंदी को गिरफ्तार करने के लिए अल्टीमेटम भी दिए। जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने भी नंदी का मुंह काला करने की धमकी दी। यहां तक कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान, आरपीआई नेता रामदास अठावले आदि सभी नेता नंदी के बयान को लेकर गुस्से में हैं।  यह निर्विवाद रूप से सही है कि आशीष नंदी को किसी भी एक वर्ग या किसी जाति विशेष पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाना चाहिए था। चूंकि भ्रष्टाचार न तो किसी एक जाति तक सीमित है और न ही इसके लिए गरी
तो राहुल गांधी ही होंगे पहली पसंद ! पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व मेरे दफ्तर में खबरिया चैनल के प्रमुख एंकर पूण्य प्रसून वाजपेयी आए थे। वह अपने चैनल के लिए लोगों से सीधे बातचीत के कार्यक्रम के लिए भ्रमण पर थे। मैंने उनसे पूछा कि उत्तर प्रदेश में किस की सरकार आ रही है, उनका तपाक से जवाब था कि इस बार भी मायावती की सरकार बनने जा रही है, जबकि मैं उनकी बात से इत्तेफाक नहीं करता था। मेरा मानना था कि इस बार मायावती सरकार नहीं बना पाएंगी और सपा के पक्ष में अधिक समर्थन जाता दिख रहा है। चुनाव परिणाम ने वाजपेयी जी को गलत साबित ‌किया।   इस समय कुछ चैनलों पर नील्सन के सर्वे को अपने से जोड़कर एक राजनीतिक सर्वे दिखाया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री के लिए देश के 49 फीसदी की पहली पसंद नरेंद्र मोदी को बताया जा रहा है। यह ही नहीं देश में एनडीए को भरपूर समर्थन के जरिए उसकी सरकार आती दिख रही है। ये सर्वे ‌कितने विश्वसनीय हैं, यह इसी बात से स्पष्ट होता है कि हर चुनाव में ये सर्वे झूठे साबित हो रहे हैं। कुछ हजार लोगों से बातचीत के आधार पर देश का फैसला सुनान