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Showing posts from May, 2014
काला धन लाने को एसआईटी गठित ‌किए जाने का मोदी सरकार का फैसला सराहनीय है। उम्मीद की जानी चाहिए क‌ि विदेशों में जमा और देश में छिपा काला धन सरकार निकालने में कामयाब होगी।
विवादित मुद्दों से बचें मोदी मोदी सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का जम्मू-कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 पर देश में बहस कराने का बयान जल्दबाजी में विवादित मुद्दों को उछालने वाला है, जो कतई सही नहीं कहा जा सकताहै। यह सभी मानते हैं कि  राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुख्य एजेंडे में अनुच्छेद 370, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता हैं। नरेंद्र मोदी जी को चाहिए कि इन विवादित मुद्दों से बचकर जनता के बीच दिए गए विकास के मुद्दे पर पूरी शिद्दत से काम करें। ये मुद्दे उनको मुख्य उद्देश्य से भटका सकते हैं। देश की जनता को उनसे काफी उम्मीदें है, ऐसे में मोदी जी को इस तरह के मुद्दों को हवा देने से बचना चाहिए। 
चिराग पासवान को लख-लख बधाइयां लोक जनशक्ति पार्टी को पिछले पांच वर्षों में एक के बाद एक हार देखने को मिली, लेकिन इस बार माननीय रामविलास पासवान के सुपुत्र श्री चिराग पासवान के  भाजपा के साथ एनडीए का हिस्सा बनने के निर्णय ने पार्टी को नई ताकत दी है, इसके लिए उन्हें लख-लख बधाइयां। मैं पासवान जी से उनके दिल्ली पहुंचने पर मिला और साथ ही चिराग को भी बधाई दी।  मैं आदरणीय पासवान जी को अपना राजनीतिक गुरु मानता हूं और पिछले 25 वर्ष से बराबर उनके साथ जुड़ा हूं। पार्टी में राष्ट्रीय सचिव होने के नाते जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसको पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाने की कोशिश करता हूं। इन पांच वर्षों में पार्टी के कमजोर होने से कार्यकर्ता भी उदासीन हो रहे थे, लेकिन इस बार मिली जीत ने उनमें नया जोश भर दिया है। पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़ी और उनमें छह पर जीत हासिल की। सातवीं सीट भी काफी कम अंतर से हारे हैं। यह एक ऐतिहासिक सफलता है। 12 जनपथ, नई दिल्ली यानि आदरणीय रामविलास पासवान जी का आवास और पार्टी के मुख्यालय पर इन दिनों मेला सा लगा है। कार्यकर्ता अब पूरी ताकत से पार्टी को मजब
उम्मीदों पर खरे उतरेंगे मोदी मैंने संसद के केंद्रीय कक्ष में एनडीए के चुने गए नेता और अगले दिनों में प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी का भाषण सुना। पूरे चुनाव में जहां मुझे उनका भाषण पूरी तरह राजनीतिक लगा, वहीं उनका भाषण गैरराजनीतिक दिल से दिया गया मार्मिक लगा। उनका इस दौरान भावुक होकर अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा का इजहार भी एक संस्कारित व्यक्तित्व का परिचय कराता दिखा।  जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी सरकार का दर्शन पेश करते हुए कहा कि सबको साथ लेकर सबका विकास करने के मकसद के साथ उनकी सरकार गरीबों के लिए जिएगी।गरीबों की सुनेगी और गरीबों को समर्पित होगी, तो उससे अब तक की उनकी जगजाहिर छवि के विपरित एक सधा हुआ नेता सामने दिखाई दिया। मोदी ने जब कहा कि आखिरकार सरकार किस के लिए है। सरकार वही है, जो गरीबों के लिए सोचे। जो गरीबों की सुने। जो गरीबों के लिए जिए और  उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरी सरकार देश के गरीबों को समर्पित है। देश के कोटि-कोटि युवकों को समर्पित है। और मान-सम्मान के लिए तरसती हमारी मां-बहनों के लिए समर्पित है। गांव हो। दलित हो। शोषित हो।