लोकसभा चुनाव-2019 : भ्रम का जाल
    लोकसभा चुनाव-2019 : भ्रम का जाल        मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य           2 018 समाप्त होते-होते एक साफ संदेश दे गया है कि 2012 में गुजरात जीत के  साथ विजय रथ पर सवार हुए नरेंद्र मोदी का जादू अब समाप्त हो रहा है। देश  में वोटों का दो धाराओं भाजपा और गैर भाजपा में धुर्वीकरण हो रहा है। इसको  साफ  तौर पर आरएसएस और भाजपा भी समझ रही है। सभी जानते हैं कि गैर भाजपा  वोटों के धुर्वीकरण की ताकत के सामने भाजपा ठहर नहीं पाएगी। यह बात इस वर्ष  के लोकसभा उपचुनावों के साथ ही हाल ही संपन्न हुए मध्यप्रदेश, राजस्थान और  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा की शिकस्त ने साबित की है। एेसे  में नरेंद्र मोदी तमाम कोशिश के बावजूद दो तरफा जूझ रहे हैं। एक, वह  आरएसएस संचालित भाजपा के गुप्त एजेंडे को नहीं रोक पा रहे हैं, जिससे उनकी  महत्वाकांक्षी विश्व मान्य छवि बनाने के प्रयासों को भी धक्का लग रहा है।  साथ ही अमित शाह व कुछेक उपकृत मंत्री और नेताओं के अलावा भाजपा नेतृत्व  में ही एक बड़ा वर्ग उनसे नाराज है, जो नाराजगी को शायद सही वक्त आने के  इंतजार में दबा...
 
