आखिर मजीठिया वेज बोर्ड का विरोध क्यों ! पिछले कुछ दिनों से आईएनएस ने पत्रकार और गैर पत्रकारों के लिए गठित छठे वेतन आयोग जीआर मजीठिया की रिपोर्ट के खिलाफ एक अभियान चलाया हुआ है। इस अभियान की अगुवाई टाइम्स आफ इंडिया आदि कुछ बड़े समाचार पत्रों द्वारा की जा रही है। उसमें जहां पु्राने समाचारों को स्थान दिया जा रहा है, वहीं मुहिम के जरिए यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि यदि यह रिपोर्ट लागू की गई तो देश के अधिकांश समाचार पत्र बंद होने के कगार पर आ जाएंगे। उसमें तथ्य यह प्रस्तुत किए जा रहे हैं कि इस रिपोर्ट के लागू होने पर एक हजार करोड़ टर्नओवर वाले समाचार पत्रों के चपरासी और ड्राइवर का वेतन भी 45-50 हजार रुपये हो जाएगा, जो सीमा पर जवान और एक मजिस्ट्रेट के वेतन से भी अधिक है। यहां सवाल यह है कि टाइम्स आफ इंडिया या आईएनएस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि देश में एक हजार करोड़ रुपये टर्नआवर वाले कितने समाचार पत्र हैं और उनमें कितने चपरासी और ड्राइवर नियमित कर्मचारी हैं, जो इनके दावे के अनुसार बढ़ा वेतन पाने के हकदार होंगे। भ्रमित करने के लिए अपने अभियान मे आईएनएस भले ही कुछ दावे करे, ल...
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भाजपा का बड़ा घोटाला
मैं तो रवीश जी की बात से पूरी तरह सहमत हूं और संविधानिक संस्थाओं से खुली और निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं और आप ? ........................... भाजपा के देश भर में बने 600 से ज्यादा भव्य आफिसों पर मीडिया मौन क्यों है : रवीश कुमार Posted on March 30, 2019 by रवीश कुमार भारतीय जनता पार्टी की खासियत है कि वह कांग्रेस को तो भ्रष्ट बताती है पर अपनी ईमानदारी नहीं बताती। ऐसा कोई दावा नहीं करती। 2014 और इससे पहले कुछ किया भी हो, अब करने लायक भी नहीं है। दूसरी ओर, नोटबंदी के समय खबर छपी थी कि अलग-अलग शहरों में पार्टी ने जमीन खरीदी है – ज्यादातर मामलों में नकद देकर। उस खबर का कोई फॉलोअप नहीं हुआ और पार्टी ने कोई सफाई भी नहीं दी। गोदी मीडिया में चूंकि भाजपा के विरोधियों के भ्रष्ट होने के आरोप ही छपते हैं इसलिए भाजपा से ना कोई सवाल करता है, ना भाजपा मौका देती है और ना ही पूछे जाने पर जवाब देती है। आरटीआई कानून लाने वाली पार्टी को भाजपा ने भ्रष्ट घोषित कर रखा है और मीडिया की दुम मरोड़े बैठी पार्टी ने खुद की छवि ईमान...
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