सर्वोदय नेता महावीर त्यागी बीमार

सर्वोदय जगत के अग्रणी कार्यकर्ता , हरिजन सेवक संघ के पूर्व सचिव व अखिल भारतीय नशाबन्दी परिषद के पूर्व महासचिव श्री महावीर  भाई त्यागी आजकल वृद्ध जन्य बीमारियों के कारण आश्रम पट्टीकल्याणा ,समालखा (पानीपत) में अपने घर पर विश्राम अवस्था मे है । रोगग्रस्त  88 वर्ष की आयु में भी वे मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ है व हर  आगन्तुक को पहचान कर उसे अपना आशीर्वाद दे रहे हैं ।  निश्चित रूप से उनसे मिलने वाले या तो उनके रिश्तेदार है अथवा पारिवारिक मित्र या उनके सामाजिक सरोकार से जुड़े लोग ही है । बेशक पारिवारिक सदस्यों को लगता है कि उनके प्रियजनों को मिलने के लिये जल्दी आना चाहिए था परन्तु इस मामले में वे बिल्कुल निर्लेप है तथा सभी को अपना स्नेह यथापूर्व दे रहे है ।
       महावीर भाई का सार्वजनिक जीवन 65 वर्षो से भी ज्यादा है । महात्मा गांधी के जीवन ,दर्शन व सिद्धान्तों से प्रेरित हो कर वे संत विनोबा के भूदान आंदोलन में एक पुरवक्ती कार्यकर्ता के रूप में दीक्षित हुए और फिर प0 ओमप्रकाश त्रिखा ,डॉ भीम सेन सच्चर ,बीबी अंतुलसलाम , दादा गणेशी लाल के साथ मिल कर सर्वोदय आंदोलन में लगे । गुजरात के परीक्षित भाई और पद्मविभूषण ईश्वर भाई पटेल से गांवों में शौचालय निर्माण का प्रशिक्षण लेकर तत्कालीन संयुक्त पंजाब में घर-२  स्वच्छता , ग्रामदान व ग्राम स्वराज्य का काम किया । बापू के प्रिय रचनात्मक कार्य खादी व हरिजन सेवा को उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया है ।
     युवावस्था में ही उनकी पत्नी के देहांत के बाद से ही अपनी चार पुत्रियों तथा एक पुत्र के यथेष्ठ परवरिश को भी उन्होंने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्राथमिकता पर लिया तथा उन्हें योग्य बना ,स्वस्थ विवेक प्रदान कर उन्हें स्वाधीन जीवन जीने का अवसर दिया ।
      भाई जी एक चिर युवा व्यक्तित्व है अपनी कृति व कृतित्व से उन्होंने युवकों के बीच रहना ही पसंद किया है इसीलिये उन्होंने अभी हाल तक अनेक लम्बी साईकल व पदयात्राओ का नेतृत्व किया है ।
      आज एक लंबे अरसे तक उनसे मिलने का सौभाग्य मिला और उन्होंने अपनी अर्द्ध चेतन अवस्था के बावजूद भी देखते ही पहचान लिया तथा हमारी अमेरिका यात्रा वृतांत , परिवार के सदस्यों व सामाजिक कार्यों की जानकारी चाही ।  शारीरिक रूप से जीर्ण क्षीण होने के कारण अब वे मोहताज है पर उनके सभी पारिवारिक सदस्य उनके पास रह कर बहुत ही कर्तव्यनिष्ठा से उनकी सेवा कर रहे है ।
     हम कामना करते है कि वे जल्द ही स्वस्थ लाभ करे ।
जीवेम शरदः शतम ।

पानीपत : राम मोहन राय की कलम से साभार।

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