स्वच्छता की अलख, गंदगी का बाजार

स्वच्छता की अलख
जगाने को निकली
नेताओं की बरात,
गंदगी के ढेर में खाने
को तरस रही गोमाता,
बापू की 150वीं जयंती
पर बंद करो नोटंकी,
एक बार तो देखो
आंख नाक खोलकर,
गंदगी के इस
बाजार में खड़ी
भूखी गोमाता
 भीख में मांग रही मौत।
-राजेंद्र मौर्य

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