यूपी : कर्मचारियों को नहीं मिला भुगतान, राजस्व सचिव रेणुका कुमार हाईकोर्ट में तलब
खजाने में कमी का ठीकरा जिला मेरठ के सात राजस्व कर्मचारियों के सिर फोड़ लाभ देने से साफ इंकार कर दिया, उच्च न्यायालय ने सचिव को किया तलब ।
राजस्व अनुभाग में सेवा कर चुके रामकुंवर सिंह, धर्मपाल सिंह, ज्योति प्रसाद, कृष्ण पाल, वीर पाल, दल सिंह, धनपाल को सेवा अधिवर्षता पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त तो कर दिया गया, लेकिन उन्हें अभी तक वित्तीय लाभ नहीं दिए गए हैं। इससे क्षुब्ध होकर इन कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने उक्त मामले को गम्भीरता से लेकर राज्य सरकार की खिंचाई का मुंड बना लिया है । न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए समय पर कार्यवाही न होने के कारण अवमानना याचिका संख्या 2339(सी)/2019 के निस्तारण के लिए राजस्व सचिव रेणुका कुमार को नोटिस देकर तलब किया है । राजस्व सचिव ने इसके लिए जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा को तत्काल लखनऊ राजस्व परिषद में हाजिर होकर न्यायालय के सामने जवाब देने के लिए निर्देशित किया गया है।
दूसरी ओर राजस्व विभाग के इन सात संग्रह अमीनों ने संज्ञान में लाया कि कुछ संग्रह अमीनों को तहसीलदार स्तर का चव्वन सौ वेतनमान का लाभ दे दिया गया है लेकिन उन्हें अभी तक वित्तीय लाभ नहीं दिए गए हैं। जिससे न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ा है ।
इसके विपरीत राजस्व सचिव रेणुका कुमार ने सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ना लाजमी व्यक्त किया है । न्यायालय के सामने अपना पक्ष सख्ताई से रखने का पक्का मन बना लिया है । अब देखना यह है कि चार नवम्बर 19 को ऊंट किस करवट बैठता है ।
राजस्व अनुभाग में सेवा कर चुके रामकुंवर सिंह, धर्मपाल सिंह, ज्योति प्रसाद, कृष्ण पाल, वीर पाल, दल सिंह, धनपाल को सेवा अधिवर्षता पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त तो कर दिया गया, लेकिन उन्हें अभी तक वित्तीय लाभ नहीं दिए गए हैं। इससे क्षुब्ध होकर इन कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने उक्त मामले को गम्भीरता से लेकर राज्य सरकार की खिंचाई का मुंड बना लिया है । न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए समय पर कार्यवाही न होने के कारण अवमानना याचिका संख्या 2339(सी)/2019 के निस्तारण के लिए राजस्व सचिव रेणुका कुमार को नोटिस देकर तलब किया है । राजस्व सचिव ने इसके लिए जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा को तत्काल लखनऊ राजस्व परिषद में हाजिर होकर न्यायालय के सामने जवाब देने के लिए निर्देशित किया गया है।
दूसरी ओर राजस्व विभाग के इन सात संग्रह अमीनों ने संज्ञान में लाया कि कुछ संग्रह अमीनों को तहसीलदार स्तर का चव्वन सौ वेतनमान का लाभ दे दिया गया है लेकिन उन्हें अभी तक वित्तीय लाभ नहीं दिए गए हैं। जिससे न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ा है ।
इसके विपरीत राजस्व सचिव रेणुका कुमार ने सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ना लाजमी व्यक्त किया है । न्यायालय के सामने अपना पक्ष सख्ताई से रखने का पक्का मन बना लिया है । अब देखना यह है कि चार नवम्बर 19 को ऊंट किस करवट बैठता है ।
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