विकास दर फिर पिछड़ी, आर्थिक विशेषज्ञ चिंतित
विकास दर 4.5 फीसदी पर पहुंचने से साफ हो गया है कि मोदी सरकार की नीतियां 
कहीं न कहीं आर्थिक दशा को बिगाड़ने वाली साबित हो रही हैं। तब ही तो विकास
 दर (जीडीपी) में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। और अगले दिनों में यह 
गिरावट जारी रहने का  अनुमान लगाया जा रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष की 
तीसरी तिमाही में हालात और खराब होने की आशंका जताई जा रही है। लेकिन सरकार
 अब भी आंख मूंदे हुए ‘ऑल इज वेल’ का राग अलाप रही है। यही नहीं तीसरी 
तिमाही में भी विकास दर के सुधरने के कोई आसार नहीं है। हालात और खराब होने
 की आशंका से आर्थिक विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है। 
 

 
 
Comments
Post a Comment