लोकतंत्र में चुनाव के दौरान हार-जीत का सभी दल सामना करते हैं, लेकिन जिस तरह कांग्रेस दुर्दशा के दौर से गुजर रही है, ऐसा तो बहुत ही कम देखने को मिलता है। सीट मिल नहीं रही हैं, वोट फीसदी निरंतर शून्य की ओर बढ़ रहा है। कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस को समझना है कि मोदी और शाह को तो जनता उनके अहंकार के कारण सबक सिखाएगी, लेकिन विकल्प कौन होगा ? जनता अब बिखरे विपक्ष को सत्ता सौंपने वाली नहीं है और कांग्रेस की गिरती साख उसको मोदी का विकल्प बनने से रोक रही है। राहुल गांधी में उम्मीद की किरण दिखती है तो उन पर कांग्रेसी ही पूरी तरह विश्वास करते नहीं दिखते हैं। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में अभी तक कोई करिश्मा दिखा पा रही हैं, बस यह अच्छा है कि वह यूपी लक्ष्य बनाकर पूरी शिद्दत से रात दिन लगी हैं, जिससे कुछ सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल कांग्रेस के लिए समय काफी चिंताजनक है।
This comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDelete