वीडियो : दीपक चौरसिया के साथ मारपीट, घोर निंदनीय

                                                      देश में यह कैसा माहौल हो गया, जब जनता का मीडिया पर से भी विश्वास उठता जा रहा है। आम जनमानस की बनती यह सोच गंभीर चिंता का विषय है कि मीडिया जनता के हितों की बजाय  अपने व्यावसायिक हितों के प्रति अधिक चिंतित है। हर स्टोरी को जनता शक की निगाह से देख रही है। कवरेज करने पहुँच रहे पत्रकारों को भी शक की निगाह से देखा जा रहा है। दीपक चौरसिया भले ही अपने पत्रकारिता दायित्व को निभाने के लिए धरने की कवरेज करने गए थे, लेकिन वहां मौजूद जनमानस ने उनको सरकार के हितों को ध्यान में रखकर कवरेज करने वाला पत्रकार मानकर न केवल कवरेज करने से रोका, बल्कि उनपर हमला बोल दिया। इसकी सभी पत्रकार वर्ग को घोर निंदा करनी चाहिए और समाज को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि हम वास्तव में निष्पक्ष हैं और सत्य व ईमानदारी से पत्रकारिता दायित्व को निभा रहे हैं।

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