आप ही तय करें, इसे क्या कहेंगे ?

हमारा देश महान है, जब किसी नेता को पसंद किया जाता है, तो उसकी नाजायज बातों को जायज माना जाता है। मोदी जी जनता की पसंद हैं तो उनके ऐसे कार्यों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है, जो अन्य सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार मान लिए जाते।  जनता के समर्थन का नतीजा है कि नोटबंदी और जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के बाद से बराबर तमाम एेसे कार्य बेरोकटोक कर रहे हैं जो भ्रष्टाचार भले ही न हो, लेकिन उनको देशहित में तो कतई नहीं माना जा सकता है।  बाकि जनता समझदार खुद तय करे कि क्या सही और क्या गलत है।  

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