वाराणसी : संत रविदास जयंती पर सीर गोवर्धन के संत रविदास मंदिर में पहुंचीं प्रियंका गांधी



कांग्रेस की महासचिव  प्रियंका गांधी  रविवार की दोपहर वाराणसी पहुंचीं। एयरपोर्ट से निकलकर सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर में जयंती पर्व के मौके पर मत्था टेका और वहां आयोजित धार्मिक आयोजनों में शिरकत की। प्रियंका गांधी के इस दौरे को गैर राजनीतिक बताया गया है, लेकिन जगजाहिर है कि इस कार्यक्रम की तैयारी में जिस तरह पार्टी के दलित नेता पूर्व मंत्री दीपक कुमार सक्रिय दिखाई दिए, उससे साफ है कि यह कार्यक्रम पार्टी की दलित समाज में पैठ बढ़ाने की कवायद है और बसपा सुप्रीमो मायावती की ट्वीटर पर तीखी प्रतिक्रिया भी इस कवायद की मजबूती की  पुष्टि करती है। राजनीतिक जानकार भी यह मान रहे हैं कि प्रियंका गांधी जनाधार की मजबूत जड़ों को सींचने की कोशिश कर रही हैं। प्रियंका गांधी ने इस दौरान सीर में संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने के साथ ही लंगर और प्रसाद भी ग्रहण किया। इसके बाद दोपहर बाद वह बाबतपुर एयरपोर्ट पर कांग्रेस पदाधिकारियों से मुलकात के बाद नई दिल्‍ली रवाना हो गईं।
प्रियंका गांधी रविदास मंदिर पहुंचीं तो प्रबंधन की तरफ से निर्मल चंद के साथ शमशेर सिंह दुल्लो ने स्वागत किया। इसके बाद प्रियंका ने संत रविदास की प्रतिमा पर मत्था टेका, रविदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रियंका ने अमृतवाणी पर माला चढ़ाने के बाद प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद मंदिर में मूर्ति की परिक्रमा के बाद निकलीं तो कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों संग धक्का मुक्की शुरू हाे गई। वीआइपी हाल में बैठे एनआरआई लोगों से मिलने पहुंचीं तो वहां भी जबरदस्त भीड़ हो गयी। जिसके कारण वहां से पास के लंगर हाल में लंगर छकने गयी भीड़ में सुरक्षा कर्मियों के पसीने छूट गए। लंगर हाल में प्रियंका कार्यकताओं के साथ लंगर छकने के बाद सत्संग पंडाल की तरफ रवाना हुईं और  संत निरंजनदास से आशीर्वाद लिया।
प्रियंका गांधी ने  रैदासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां आकर खुशी हो रही है। देश दुनिया के कोने से आये श्रद्धालुओं का दिल की गहराई से स्वागत करती हूं। मंदिर की चौखट पर मत्था टेकने का सौभाग्य मिला है। कबीर दास और रैदास जी ने लोगों की इज्जत करना सिखाया। हमारी पुरानी सोच रही है कि इंसान में भगवान दिखता है उसे जाति धर्म में बांट कर नहीं केवल इंसान के रूप में देखना चाहिए। संत रविदास कहते थे कि राम-रहीम एक हैं। हम सब एक ही मिट्टी से बने हैं हमें उनकी वाणी से सीखना चाहिए। उन्होंने बेगमपुरा का सपना देखा था जहां भेदभाव न हो। संविधान में भी यही कोशिश हुई। संत रैदास के सपने को जन-जन तक ले जाना होगा। इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है कि उनकी वाणी का हम पालन करें। जो भी करें आपसी एकता व एक दूसरे का सम्मान हो। आप सब के बीच आकर बहुत खुशी हैं।
इससे पहले बाबतपुर से सीर गोवर्धन तक जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू , पूर्व मंत्री  व पार्टी के उपाध्यक्ष दीपक कुमार समेत अन्य पदाधिकारियों का भी आगमन बनारस में हुआ।

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