Congress`s befitting reply to Modi government : घर लौटने वाले मजदूरों का रेल किराया देगी कांग्रेस
- घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी कांग्रेस, सोनिया गांधी ने किया ऐलान
देश में कोरोनावायरस संकट में लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर लंबे वक्त से फंसे हुए थे. अब जब लंबे वक्त बाद उन्हें घर जाने की अनुमति मिली, लेकिन केंद्र ने रेल किराये का अतिरिक्त पचास रुपये सहित सारा खर्च मजदूरों से वसूलने का फैसला किया. इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई और अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसको लेकर मोदी सरकार को करारा जवाब देते हुए बड़ा फैसला लिया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी की प्रदेश इकाइयों से मजदूरों के किराए का खर्च उठाने को कहा है. सोमवार को ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी।
देशभर में जारी लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाया गया है। सरकार ने शुक्रवार से फंसे हुए मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलानी शुरू की हैं। रेलवे के सर्कुलर के मुताबिक, स्थानीय सरकारी अधिकारी अपने द्वारा क्लियर किए गए मजदूरों को टिकट सौंपेंगे। उनसे टिकट का किराया वसूल करेंगे और कुल राशि रेलवे को सौंप देंगे। इसकी कड़ी आलोचना करते कांग्रेस ने मजदूरों के लिए उनका रेल किराया खर्च करने का बड़ा ऐलान किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है। श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापसी के लिए मजबूर हो गए। न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन। उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी, पर देश और सरकार का कर्तव्य क्या है?
देश में आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन हैं, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में पूरा रेल यात्रा अतिरिक्त पचास रुपये के साथ किराया वसूल रहा हैं। 'साथ ही उन्होंने कहा, 'श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं। ऐसे में रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?'
सोनिया गांधी ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने। इसलिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी। मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के मानव सेवा के इस संकल्प में कांग्रेस का यह योगदान होगा।
- मोदी सरकार कारोबारी, कांग्रेस बनी सेवादार : दीपक कुमार
कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक कुमार ने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रवासी मजदूरों को दूसरे प्रदेशों
से आने पर रेल यात्रा का खर्च देने के निर्णय को बड़ा फैसला बताते हुए कहा
है कि मोदी सरकार केवल मुनाफा कमाने वाली सरकार बनकर रह गई है। जब मोदी
सरकार देश की सड़कों पर बेहाल अपने घरों को जाने के लिए तरस रहे लोगों को
सहारा देने की अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और उनसे रेल में निर्धारित
किराए ये 50 रुपये अधिक वसूल रही है, तब कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए
अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराकर गरीब मजूदर के कंधे से कंधा मिलाकर उनके
दुख में सहभागी बन रही है। सोनिया गांधी का रेल यात्रा खर्च वहन करने का
ऐलान बहुत बड़ा फैसला है।
दीपक कुमार का कहना है कि आज चाणक्य की वह बात याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस देश की शासन व्यवस्था व्यापारी के हाथों में होगी, उसमें कभी जनता सुखी नहीं रह सकती है। आज सरकार पूरी तरह व्यापारी की भांति काम कर रही है। देश में आज लाखों श्रमिक व कामगार अलग-अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन हैं, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में पूरा रेल यात्रा अतिरिक्त पचास रुपये के साथ किराया वसूल रहा हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं। गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं। ऐसे में रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर तरक्की के आधार मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी सकती थी ?'
प्रियंका गांधी द्वारा गठित कांग्रेस कोरोना फाइटर्स के 45 सदस्यीय ग्रुप के मुख्य सहयोगियों में से एक दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना फाइटर्स ग्रुप के जरिए पूरे देश में फंसे गरीब मजदूरों को राशन समेत हर संभव पहले से ही मदद की जा रही है। जिसमें आने वाली प्रत्येक कॉल पर काम किया जा रहा है।
दीपक कुमार का कहना है कि आज चाणक्य की वह बात याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस देश की शासन व्यवस्था व्यापारी के हाथों में होगी, उसमें कभी जनता सुखी नहीं रह सकती है। आज सरकार पूरी तरह व्यापारी की भांति काम कर रही है। देश में आज लाखों श्रमिक व कामगार अलग-अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन हैं, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में पूरा रेल यात्रा अतिरिक्त पचास रुपये के साथ किराया वसूल रहा हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं। गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं। ऐसे में रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर तरक्की के आधार मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी सकती थी ?'
प्रियंका गांधी द्वारा गठित कांग्रेस कोरोना फाइटर्स के 45 सदस्यीय ग्रुप के मुख्य सहयोगियों में से एक दीपक कुमार ने बताया कि कोरोना फाइटर्स ग्रुप के जरिए पूरे देश में फंसे गरीब मजदूरों को राशन समेत हर संभव पहले से ही मदद की जा रही है। जिसमें आने वाली प्रत्येक कॉल पर काम किया जा रहा है।
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