दलितों को शिपिंग सर्विस में मिले प्राथमिकता मैं मोदी सरकार के भूतल परिवहन और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी से मिलने के लिए उनके दफ्तर पहुंचा, लेकिन वह मेरे पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही कहीं जा चुके थे। उनके सहायक को मैंने अपना एक पत्र सौंपा। इस पत्र में मैंने उनको बताया है कि शिपिंग कारपोरेशन द्वारा चयन परीक्षा के जरिए प्रारंभ से ही अनुसूचित जाति के छात्रों का प्रशिक्षु नॉटिकल आफिसर के लिए चयन किया जाता रहा है। और कारपोरेशन इनको अपने खर्च पर मेरीटाइम इंस्टीट्यूट में मेरीटाइम यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदत्त बीएससी (नॉटिकल साइंस) डिग्री कोर्स कराया जाता है, जिसका खर्च शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया वहन करती थी, लेकिन इस वर्ष से शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया ने यह खर्च 6.75 लाख रुपये सीधे अनुसूचित जाति के छात्रों से लेना शुरू कर दिया है और जॉब की प्राथमिकता भी समाप्त कर दी है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए शिपिंग सर्विस का रास्ता बंद कर दिया गया है। पत्र में गडकरी जी से अपेक्षा की गई है कि वह पुरानी व्यवस्था लागू करते हुए अनुसूचित जाति के छात...
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कहानी : मजदूर की विरासत
कहानी---- मजदूर की विरासत आर.के मौर्य दि ल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद के एक गांव वैली में शाम के समय एक कृषक मजदूर बलवंत के घर में उसकी पत्नी रामरती प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। बलवंत झोपड़ी के बाहर काफी तनाव में इधर-उधर घूम रहा था। बलवंत के पिता रामसिंह के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ दिख रही थीं। यह चिंता घर में संतानोत्पत्ति से अधिक इसके लिए होने वाले खर्च को लेकर थी। घर में एक रुपया भी नगदी नहीं थी। दाई बच्चा पैदा होेने पर पैसे मांगेगी तो कहां से देंगे, इसको लेकर रामसिंह ने बलवंत से कहा कि बेटा जाकर घर में रखे बर्तन बेचकर या फिर गिरवी रखकर कुछ पैसे ले आओ। बलवंत घर के बर्तन एक बोरे में लेकर गया और साहूकार के यहां से उनकेबदले 600 रुपये ले आया। झौपड़ी के अंदर से दाई काफी मायूसी में आई, उसने पुत्र पैदा होने के साथ ही रामरती के मरने की सूचना भी दी, जिसपर बलवंत बिलख पड़ा, जैसे उसपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बलवंत अपने पिता रामसिंह से लिपटकर रोते-रोते बेहोश हो गया। प्रसव खर्च को आए पैसे रामरती के अंतिम संस्कार में काम आए। रामरती की मौत के बाद बच्चे को पालने की जिम्मेदारी बलवंत की म...
Arun shourie admitted to hospital
अरुण शौरी अस्पताल में भर्ती प्रख्यात पत्रकार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी को तबीयत बिगड़ने पर पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टर ने जानकारी दी है कि 78 वर्षीय शौरी को रविवार देर रात बेहोश होने पर रुबी हॉल क्लिनिक में लाया गया। अब होश में आ गए हैं और उनकी रूटीन जांच की जा रही हैं।
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