मार्कंडेय काटजू की मीडिया को  सलाह 
 प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस  मार्कंडेय काटजू ने मीडिया को सलाह दी है कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध  खासतौर पर यौन दुष्कर्मों के मामलों में रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरती जाए।  काटजू का मानना है कि अगर पीड़िता के नाम रिपोर्ट में प्रकाशित हो जाते हैं तो  उनके विवाह होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। भारत एक रूढ़िवादी देश है, इसलिए अगर  आप ये रिपोर्ट छापते हैं कि किसी महिला के साथ बलात्कार हुआ है तो लोग उससे विवाह  नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए मीडिया रिपोर्ट में  पीड़ित महिला का नाम या पहचान उजागर करने से बचना चाहिए। काटजू ने इससे  संबंधित निर्देश पीसीआई द्वारा सभी मीडिया हाउसों को जल्दी ही भेजने की भी बात कही  है। हालांकि काटजू ने यह बात  आंध्र प्रदेश के एक मामले की सुनवाई करते हुए कही है। इस मामले में बलात्कार  पीड़ित महिला का नाम एक समाचार चैनल द्वारा प्रसारित कर दिया गया था, लेकिन इन  दिनों नोएडा में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में भी यह चिंता ठीक समय  पर मानी जा रही है। नोएडा में जहां पुलिस ने लड़की का नाम का खुलासा कर दिया वहीं  कुछ गैर जिम्मेदार खबरचियों ने भी लड़की का नाम और पता ही नहीं उसे माता-पिता का भी  परिचय खोल दिया। काटजू जी की यह पहली चिंता नहीं है बल्कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कई बार इस तरह के निर्देश दे चुकी है, लेकिन मसाला बनाकर खबर बेचने का धंधा करने वाले खबरिया चैनल और कुछ समाचार पत्र इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसे में काटजू जी को इस ओर कोई कानूनी सख्ती का रुख अपनाना चाहिए।
 
 
 
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