मोंटेक सिंह अहलुवालिया की अपनी परिभाषा
शहरों में 28.65 रुपये और गांवों में 22.42 रुपये से अधिक कमाने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर बताना योजना आयोग के नए मानदंड देशवासियों के साथ मोंटेक सिंह अहलुवालिया का सबसे बड़ा धोखा है। इस मानदंड को हकीकत से कोसों दूर ही माना जाएगा और इसको योजना आयोग की बजाय इसके उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया की निजी परिभाषा माना जाना चाहिए। लोकसभा में तमाम नेताओं द्वारा जिस तरह अहलुवालिया और खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की खिंचाई की गई है, उससे मोंटेक को आत्ममंथन अवश्य करना चाहिए और आगे देशवासियों को धोखा देने से बचना चाहिए।
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