पासवानजी का सराहनीय कदम 
 बिहार में प्रेस की आजादी को लेकर पिछले दिनों प्रेस कौंसिल के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने सवाल उठाया था, इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कुछ भी टिप्पणी न करके अपने खास सुशील कुमार मोदी को आगे करके काटजू के बयान पर तीखी टिप्पणी कराई थी, लेकिन एक भी प्रयास ऐसा नहीं किया गया, जिससे नी‌तिश कुमार पर प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाने का आरोप न लगे। अच्छा होता कि नीतिश कुमार प्रेस को और अधिक आजादी से काम करने का मौका देते, चूंकि कुमार को दुबारा सत्ता में आने के लिए कहीं न कहीं प्रेस का भी सहयोग माना जाता रहा है। अभी भी बराबर सूचनाएं आ रही हैं कि नीतिश कुमार प्रेस कौंसिल के अध्यक्ष की टिप्पणी करने के बाद सुधार करने की बजाय प्रेस के प्रति सख्ती अपना रहे हैं, इसलिए आवश्यकता है कि अधिकाधिक लोग बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ सड़कों पर आएं।
आज लोक जनशक्ति पार्टी ने दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद रामविलास पासवान के नेतृत्व में गिरफ्तारी दी। पासवान ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के राज में सुनियोजित तरीके से प्रेस की आजादी को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने बिहार की सही तस्वीर को जनता के सामने रखा है। बिहार में सही समाचार लिखने पर समाचारपत्र के विज्ञापन को रोक दिया जाता है। जल्द ही पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से भी मिलेगा। पासवानजी का यह सराहनीय कदम है।
 मैं पासवान जी का आभार प्रकट करता हूं और विभिन्न पत्रकार संगठनों और समाचार पत्र संगठनों से भी अपील करता हूं कि वे नीतिश कुमार के तानाशाही रवैये का विरोध करने के लिए आगे आएं। 

Comments

Popular posts from this blog

mirror of society : समाज का आईना है "फीका लड्डू"