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Showing posts from November, 2013
आरुषि के मां-पिता की दलीलों को सुना जाना चाहिए ! आरुषि मर्डर मिस्ट्री में उसके मां-बाप को उम्रकैद की सजा सुना दी गई। इस बाबत राजेश तलवार के भाई दिनेश तलवार के तर्क मैने टीवी पर सुने, जिसको सुनकर मुझे लगता है कि कहीं न कहीं राजेश तलवार और नुपूर तलवार को इस मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध करना ही महंगा पड़ गया है। मुझे एक बार का वाक्या याद आता है कि उत्तर प्रदेश में ही एक व्यापारी की हत्या हो गई थी। ‌उस हत्या के खुलासे और हत्यारों को पकड़ने के लिए व्यापारी का एक दोस्त काफी पैरवी कर रहा था। जब पुलिस हत्या का खुलासा करने में नाकाम हो रही थी और मृतक व्यापारी के दोस्त की पैरवी से परेशान थी तो पुलिस ने इस केस का खुलासा करते हुए निर्दोष दोस्त को ही कातिल बनाकर जेल भेज दिया। नतीजा यह हुआ कि उसको उम्रकैद हो गई और व्यापारी का परिवार नगर छोड़कर कई दूर दूसरे शहर में जाकर बस गया। उम्रकैद की सजा के करीब 10 वर्ष जेल में गुजारने के बाद शहर में चर्चा हुई कि हत्या तो...
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MERI BETI AVANTIKA MAURYA KE SATH USKE SHATHI
देश के गृह मन्त्री श्री सुशील  कुमार शिन्दे के लिए आप की चुनावी सभा में अपशब्दो की हर स्तर पर निंदा की जानी चाहिए चुनाव आयोग को आरोपियो के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए
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थाई राजा की श्रद्धा को नमन  भगवान बुद्ध के महोबधि मंदिर की गुंबद को सोने से मढ़ाई के लिए मैं थाईलैंड के राजा को बधाई देता हूं। यह आस्था और श्रद्धा का मामला है उनकी भगवान बुद्ध के प्रति आस्था और श्रद्धा को मैं नमन करता हूं। हालांकि आस्था और श्रद्धा पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए, लेकिन फिर भी इतना स्वर्ण या मुद्रा को मंदिर की गुंबद की मढ़ाई के लिए व्यय करना भगवान बुद्ध के विचार के अनुरूप कतई नहीं माना जा सकता है। भगवान बुद्ध ने तो यह सब त्यागा है और मूर्ति हो या इस तरह पूजा पाठ के नाम पर आडंबर को गलत माना है।  परंतु यह भी कटू सत्य है कि मानव स्वभाव अपनी आस्था और श्रद्धा को प्रकट करना होता है और भगवान या किसी महापुरुष के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए मूर्ति, प्रतिमा या फिर उनके नाम पर ‌कोई स्थल का निर्माण करना सबसे सुलभ जरिया है।  मैं थाईलैंड के राजा की श्रद्धा को नमन करते हुए बौद्धों से अपील करूंगा कि वे भगवान बु्द्ध के संदेश को पूरे देश में तेजी से फैलाने का काम करें।
मायावती का दलित विरोधी ढोल बसपा की अध्यक्ष मायावती जी जब भी मीडिया से बात करती हैं, उनकी शुरूआत में दलित विरोधी ढोल पीटना एक आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम के प्रेरणा स्थल के बंगले और उनके भाई तथा उनकी संपत्ति को लेकर  जारी खबर पूरी तरह दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। कुछ हद तक उनका यह आरोप सच हो सकता है, लेकिन क्या उनको यह नहीं बताना चाहिए कि सत्ता में आने से पहले तक साधारण परिवार कैसे अरबोपति बन गया है? उनके और उनके परिजनों के नाम यह अकूत संपत्ति कहां से आ गई है? अब वह कांग्रेस को कोस रही हैं, तो फिर पिछले  9 वर्षों से कांग्रेस की सरकार को समर्थन देने का काम क्यों कर रही हैं? या फिर भोले-भाले दलितों को गुमराह करने के लिए ही उनको डॉ. अंबेडकर या फिर अब मान्यवर कांशीराम की याद आती है। वह 2007 में उत्तर प्रदेश के सभी वर्गों के सहयोग से पूर्ण बहुमत की मुख्यमंत्री बनी तो उनको लगा कि अब वह देश की प्रधानमंत्री बन जाएंगी, जिसके लिए उन्होंने और उनके कुछ खास चहेतों ने 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान खूब मुंगेरी लाल ...
राहुल गांधी ने ठीक कहा मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों पर पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की नजर संबंधी बयान मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर छप रही तमाम खबरों के आधार पर दिया गया ङै। इस तरह की रिपोर्ट मुजफ्फरनगर के समाचार पत्रों में छप चुकी है। यह बात पूरी तरह सही है कि उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के सखा अमित शाह दंगों के जरिए ही नरेंद्र मोदी की सफलता का सपना देख रहे हैं, जो कभी पूरा नहीं होगा।  
मंगलयान की सफलतापूर्वक उड़ान पर वैज्ञानिकों को बधाई ।