आगाज़ ए दोस्ती

मेरिका में यदि डॉ औरंगजेब अहमद व उनके परिवार की मेहमाननवाजी से महरूम रह जाए तो इस यात्रा का मकसद ही नही रहता । औरंगजेब तथा उनकी पत्नी फ़िज़ा दोनों न केवल बेहतरीन कलाकार है वहीं इंसानियत की तमाम दौलत से लबरेज़ है । एक पाकिस्तानी मुस्लिम परिवार जो एक लंबे समय से यहाँ बसा है हमेशा पूरी दुनियां में अमन और हिंदुस्तान -पाकिस्तान में दोस्ती के बारे में फिक्रमन्द है । हमारे यहाँ पहुचने पर उन्होंने जिस तरह से हमारे घर पर आकर खैर मकदम किया वह मन मोहक था । इसके बाद डॉ साहब ईद से पहले एक रोज़ रोज़ा इफ्तारी के लिये तशरीफ़ फरमा हुए । उसके बाद ज्यादातर यह दम्पत्ति  अपने दोनों बच्चों के साथ सीएटल से बाहर रहे परन्तु उस दौरान भी उन्हें हमारी फिक्र रही । अब आये तो आज हमें अपने घर दावत पर बुलाया । मेज़बान फ़िज़ा ने जो खान पान की आइटम्स बनाई हुई थी उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कितनी मेहनत व समय तैयारी  में लगाया है ।
     डॉ अहमद ,आगाज़ ए दोस्ती को समर्पित है । हमारे चलने पर उन्होंने अपने द्वारा बनाई *ॐ* की कलाकृति भेंट की । मुझे लगा कि उन्होंने हमारे धर्म की वजह से ऐसी चीज भेंट की । इस पर मैंने उन्हें कहा कि *मैं तो सेक्युलर हूं ,आप यदि अल्लाह लिखा भी कुछ भेंट करते तो मैं उसी श्रद्धा से कबूल करता* । इस पर उनके जवाब ने मुझे बिल्कुल ही निरुत्तर कर दिया कि *ॐ बनाया है एक पाकिस्तानी मुसलमान ने जिसका नाम औरंगजेब है* । यह काम व नाम लोगो की अनेक भ्रांतियों का निवारण करेगा ।  फ़िज़ा ने भी अपने द्वारा सूफी संतों के प्रेरणादायी वाक्यों के स्टिकर भेंट किये ।
     हमे ऐसे परिवार का गर्व है जो हमे आश्वस्त भी करता है कि दोनों देशों की जनता अमन व दोस्ती की कितनी इच्छुक है । हमे यकीन है कि ऐसे युवा ही नफरत ,वैमनस्य व युद्ध की दीवार को तोड़ कर प्यार ,मोहब्बत व अमन की नई दीवार तामीर करेंगे और यही तो है आगाज़ ए दोस्ती ।
थैंक्यू औरंगजेब ,फ़िज़ा और उनकी दोनों प्यारी बेटियां इलिया व नूर ।
वाशिंगटन, अमेरिका से राम मोहन राय की कलम से साभार।

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