पूर्व सांसद मुनकाद अली को बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। यह एलान होते ही मुनकाद अली को बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
मोतिहारी में जल्द होगा अत्याधुनिक क्रिकेट एकेडमी मोतिहारी, पू चम्पारण (बिहार): ईस्ट चम्पारण डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सहयोग से जल्द ही मोतिहारी में एक अत्याधुनिक क्रिकेट एकेडमी की शुरुआत होने जा रही हैं।यह एकेडमी पूर्वी-चम्पारण के क्रिकेट खेल और खिलड़ियों को एक नए आयाम तक पहुँचाने में मील का पत्थर साबित होगा। जानकारी देते हुए ईस्ट चम्पारण डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम ने बताया कि जिले में उत्कृष्ट व काबिल खिलड़ियों की कोई कमी नही हैं लेकिन सही कोचिंग व मार्गदर्शन नही मिलने के कारण खिलड़ियों की प्रतिभा उस ऊँचाई तक नही पहुँच पाती हैं जिसके वे हकदार हैं।इसके मद्देनजर ईस्ट चम्पारण डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सहयोग से स्थानीय गाँधी मैदान मोतिहारी में जल्द ही डीएमएस क्रिकेट एकेडमी का शुभारंभ होगा जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का एकेडमी होगा।भारत और विदेश मे इस एकेडमी के 100 से अधिक ब्रांच हैं। एकेडमी में अत्याधुनिक तरीकों से खिलड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।अब मोतिहारी के प्रतिभावान खिलड़ियों को भी एकेडमी के माध्यम से राष...
मुलायम के समाजवाद की पोल खुली वैसे तो मुलायमसिंह यादव अपने को डॉ. राममनोहर लोहिया के पथ पर चलने का दावा करते हैं, लेकिन जिस तरह अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण में करोड़ों रुपये की बर्बादी की गई, वह उनके समाजवाद की पोल खोलने भर के लिए काफी है। अच्छा होता कि अखिलेश यादव राजभवन में ही किसी औपचारिकता में पड़े बगैर सादगी से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर नई मिसाल पैदा करते, लेकिन शायद अब समाजवाद भी पूंजीवाद से आकर्षित हो रहा है, जिसका पहले भी मुलायमसिंह यादव जी की कार्यशैली से कई बार मिल चुका है। पहले तो इसके लिए उनके खास सिपाहसलार अमरसिंह को इसके लिए जिम्मेदार माना जाता था और समय-समय पर इसके लिए अपने को खाटी के समाजवादी कहे जाने वाले कई नेता अमरसिंह को कोसते हुए दिखाई देते थे, लेकिन अब तो अमरसिंह कहीं दूर तक भी नहीं हैं फिर क्यों समाजवाद पूंजीवाद को ओढ़ रहा है? क्यों नहीं समाजवादी इसपर चोट कर रहे हैं। बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को भी कहीं से समाजवादी विचारधारा से नहीं जोडा जा सकता है। केवल मुसलिम लड़कियों ...
आर्थिक आधार पर आरक्षण ः संविधान की आत्मा पर प्रहार मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य बिना होमवर्क के नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन के बिल को पास कराने से साफ हो गया है कि पहले अटल बिहारी वाजपेयी और अब मोदी सरकार के जरिए आरएसएस अपने छुपे एजेंडे के तहत संविधान की आत्मा पर कुठाराघात करना चाहती है जिसकी शुरूआत अब हो चुकी है। संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की कोई गुंजाइश नहीं है। संविधान में उन वर्गों और समूहों के लिए बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने आरक्षण का प्रावधान किया था जो जातीय आधार पर दबाए और कुचले गए। इन वर्गों को आरक्षण के जरिए समान दर्जा देने की कवायद आरक्षण है लेकिन अब आरएसएस ने संविधान की आत्मा को मारने की तैयारी कर ली है, जिसकी शुरूआत आर्थिक आधार पर आरक्षण के जरिए हो चुकी है। इसमें चुनावी बिसात पर मोदी सरकार ने बहुत ही सदी हुई चाल से पूरे विपक्ष को भी मात दे दी है। इसका नतीजा हालांकि कुछ अर्से बाद मोदी सरकार के अन्य फैसलों की तरह ही जुमलेबाजी साबित होना है चूंकि जहां मोदी सरकार ने पूरे विपक्ष...
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