निर्मला देशपांडे की 90वीं जयंती मनाई



प्रसिद्ध गाँधीसेवक  शांति सैनिक व पूर्व सांसद स्व. दीदी निर्मला देशपांडे जी की 90वीं जयंती के अवसर  "गांधी ग्लोबल फैमिली, निर्मला देशपांडे संस्थान एवं आग़ाज़ ए दोस्ती" के संयुक्त तत्वावधान में स्व. दीदी की स्मृति में व्याख्यान तथा आग़ाज़ ए दोस्ती अवार्ड समारोह का आयोजन दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में प्रसिद्ध गांधीवादी डॉ. एसएन सुब्बाराव भाई जी, केंद्रीय गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष  रामचंद्र राही, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री कुमार प्रशांत , साउथ एशिया फर्टेर्निटी के अध्यक्ष  सत्यपाल ग्रोवर, इंडिया पाकिस्तान सोल्जर्स इनिसिएटिव फ़ॉर पीस के अग्रणी मेजर जनरल एमए नाइक,  प्रसिद्ध चित्रकार हेना चक्रवर्ती,  शांति कर्मी मेहजबीन बट्ट एवं गांधी ग्लोबल फैमिली, निर्मला देशपांडे संस्थान के महासचिव राम मोहन राय के संयुक्त अध्यक्षमण्डल ने किया ।
 उद्घाटन संबोधन में  भाई जी सुब्बाराव ने कहा कि स्व. निर्मला देशपांडे का बहुआयामी व्यक्तित्व था उन्होंने अपने विचारों एवं कार्यों से गांधी-विनोबा के जोड़ने के कार्यों को किया। वे अपने शत्रु से भी मैत्री भाव चाहती थीं इसीलिए गांधी विचार के मूल तत्व संवाद को इन्होंने "गोली नहीं बोली चाहिए" का रूप देकर विपरीत परिस्थितियों में भी शांति सद्भाव का काम किया ।
  मेजर जनरल (सेवानिवृत्त)  एमए नाइक ने विषय को आगे बढ़ाते हुए कहा कि युद्ध में बड़ी तकलीफ होती है। दीदी निर्मला जी ने सही सोचा क्यों न युद्ध प्रशिक्षित व युद्धरत सैनिक ही शांति की बात सोचे।  उनकी प्रेरणा से हमने पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों, सैनिकों व उनके बच्चों से बातचीत की वहां भी हमें अमन की चाहत ही देखने को मिली मतलब वे वहां खुश रहें और हम यहां। जो भारी राशि दोनों देश अपनी-2 सुरक्षा पर खर्च करते हैं यदि उनमें से कुछ बचा कर देश पर खर्च करें तो भूख, गरीबी और बेरोजगारी काफी हद तक मिट सकती है । "मैंने बन्दूक उठाई, लड़ाई की पर अब शांति के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, करूँगा।"   दीदी ने इस दिशा में बहुत कुछ किया है । "गोली नहीं बोली चाहिए" यह एक वाक्य ही पूरे विश्व में शांति स्थापित कर सकता है ।
      श्रीमती हेना चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी बाल्यावस्था से युवाकाल की यात्रा दीदी के सानिध्य में ही बीती है। उन्होंने भाई जी व दीदी के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इन लोगों की एक -2 बात प्रेरणादायी हैं जिसे सभी को सीखना चाहिए ।
कुमार प्रशांत ने कहा कि उन्होंने तथा निर्मला दीदी ने अनेक वर्षों तक विभिन क्षेत्रो में मिल कर काम किया है और महसूस किया कि यदि कोई संवेदनशील व्यक्ति जो लेखक भी है और कार्यकर्ता भी और साथ -२ विनोबा जी का शिष्य भी तो यदि वह समाज मे काम करता है तो तो बहुत सारी नई प्रतिभाओं को खोज निकालता है । "निर्मला जी ने कहा कि गोली नहीं बोली चाहिए । बोली में ताकत कहाँ से आई जब वह निष्पक्ष व निर्लोभ होकर सच के साथ काम करता है तो बोली गोली का मुकाबला करती है । आज ऐसा दौर है जब देश में बोली बन्द कर दी गयी है । उन्होंने आह्वान किया कि आज बोलने का समय है ताकि अन्याय और असहिष्णुता का मुकाबला किया जा सके।
     रामचन्द्र राही ने निर्मला जी के साथ अपने द्वारा किये गए  कार्यो की जानकारी दी व बताया कि उन्होंने सन भारत-चीन हमले के बाद से ही लगातार मिल कर काम किया है । उन्होंने संत विनोबा भावे को उद्धरित करते हुए कहा कि यह विचार पर हमला है और इसलिये विचार का बदला विचार से लिया जाना चाहिए* ।  हम शांति स्थापना के लिये उसके सैनिक बन कर स्थान-२ पर गए और भूदान और ग्रामदान का काम किया परन्तु इसके बावजूद हमारी स्पष्ट सोच थी कि हम विचार की सत्ता स्थापित करना चाहते है इसके लिये यह जरूरी नही कि हम एक ही तरह से सोचें मगर हमारी बुनियाद सत्य और अहिंसा की रही और इसी आधार पर विचार की सत्ता स्थापित करने के प्रयास रहे तभी निर्मला जी जैसे लोग हिम्मत से कहते है कि लड़ने के लिये नही बल्कि मैत्री करने आये है और इसी बलबूते सत्ता और धन की ताकत का मुकाबला विचार से किया ।
 श्री सत्यपाल ग्रोवर ने अपने वक्तव्य में कहा कि निर्मला जी एक कुशल वक्ता ही नही अपितु प्रबुद्ध लेखिका भी थी । हम लोगो ने विनोबा जी के आह्वान पर अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के लिये अर्पित कर दिया तथा गोली नही बोली चाहिये के विचार के लिये काम किया ।
     इस अवसर पर हरिजन सेवक संघ के उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मीदास ने कहा कि निर्मला जी गांधी-विनोबा विचार से परिपूर्ण थी और वे इसलिए महान बनी कि उन्होंने इस विचार को जन-२ तक पहुचाने का काम किया। शब्द अमर है इसलिए पता नही कौन सी बात कब किसी के जीवन को परिवर्तित कर दे । उन्होंने छात्रों को मुखातिब होते हुए कहा कि हम सब आज़ाद है परंतु हमारी आज़ादी वहाँ खत्म हो जाती है जहां दूसरे की नाक शुरू होती है और यही सब हमे गांधी , विनोबा , निर्मला जी व सुब्बाराव जी सीखा रहे है और इसी को बढ़ाने की हम सब की जिम्मेवारी है।
 कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए श्री राम मोहन राय ने दीदी निर्मला जी के   गौरव शैली जीवन गाथा का परिचय दिया कि वे एक सच्ची गाँधीसेवक थी इसलिये वे निर्भयता से हिंसा व आतंक के विरूद्ध शांति सद्भावना का काम करती थी । यदि आज वे होती तो वे कश्मीर के लोगों की नागरिक आज़ादी के लिये कश्मीर में सत्याग्रह कर रही होती ।
   कार्यक्रम संयोजक श्री रवि नितेश ने सभी अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत किया । उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में आम नागरिक की भूमिका को इंगित किया तथा वर्तमान सन्दर्भ में निर्मला जी की प्रासंगिता को बताया ।
  इस  वर्ष 2019 का निर्मला देशपांडे आग़ाज़ ए दोस्ती अवार्ड राष्ट्रीय सेवा परियोजना के समन्वयक श्री संजय राय तथा श्रीमती मेहजबीन भट्ट को दिया गया जो देशभर के युवाओं में विभिन्न जन चेतना अभियानों और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलनों , समाज सेवा के विभिन्न कार्यो को बेहतर ढंग से कर रहे है । इस अवसर पर इन दोनों को एक सम्मान पत्र ,स्मृति चिन्ह तथा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया*।
       कार्यक्रम में अखिल भारत रचनात्मक समाज ,हरिजन सेवक संघ , माता सीता रानी सेवा संस्था , खुदाई खिदमतगार हिन्द, सत्यम शिवम सुंदरम , थिएटर आर्ट ग्रुप  जैसी सहयोगी संस्थाओ को उनके प्रतिनिधियों के माध्यम से सम्मानित किया गया ।
    समारोह में स्व. दीदी की अनन्य सहयोगी श्रीमती अरुणा मुकीम, प्रसिद्ध गांधीवादी श्री रमेश चंद शर्मा,श्री सिदिक़ अहमद मेव(मेवात), बहादुर शाह ज़फर परिवार से नवाब शाह मो0 शोएब खान(अलीगढ़), हरिजन सेवक संघ के सचिव डॉ रमेश कुमार,श्री श्री भगवान शर्मा , श्री हरदयाल कुशवाह, डॉ शंकर लाल , दीपक कथूरिया , अंजुम आमिर खान, आदिल सरफरोश, सुभाष चक्रवर्ती , सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अशोक के शर्मा, अमनदीप कौर , श्रीमती राजश्री व सारिका सिंह ,प्रवेश त्यागी सहित अनेक लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
     श्री प्रवेश त्यागी व उनकी नाट्य टीम ने राष्ट्रीय एकता के अनेक सामूहिक गीत प्रस्तुत किए जबकि टीम के नेता प्रवेश ने एकल नाटिका भोला की मां की प्रस्तुति की ।









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