मुंबई : शौकत आजमी नहीं रहीं

मशहूर शायर कैफी आजमी की पत्नी और मशहूर फिम अदाकारा शबाना आजमी की मां शौकत  कैफी आज़मी नहीं रहीं यह खबर सुन पूरा एक दौर नज़र के सामने दौड़ गया।
गर्म हवा और उमराव जान जैसी मशहूर फिल्मों की अदाकारा शौकत आज़मी एक पीढ़ी का चेहरा थीं । थियेटर जिनकी धड़कन था,जिन्होंने इप्टा और प्रोग्रेसिव राइटर एसोशिएशन की खूबसूरती बुनी थी ।

जिनकी थाप से शबाना आज़मी और बाबा आज़मी जैसे टैलेंटेड हीरे निखरे । जिन्होंने कैफ़ी के साथ मुश्किल से मुश्किल वक़्त काटकर बेहतरीन सूरज निकाला । जो सचमे कैफ़ी की नज़्म,"उठ मेरी जान,साथ चलना है तुझे" को जीकर दिखा दिया ।

छोड़ गईं यह दुनिया और साथ ही छोड़ गईं यादों की रहगुज़र । शौक़त आज़मी जिन्होंने साथ कैफ़ी का चुना और अपनी ज़िंदगी अपने हाथ से लिखी । उसके हर उतार चढ़ाव की मालकिन । अपने बच्चों के दिलों में काम के लिए जूझना और जूझकर भी संवेदनाओं को ज़िंदा रखना,दोनो का अद्भुत काढ़ा पिलाया । एक तरफ कैफ़ी का पहाड़ जैसा वजूद तो दूसरी तरफ अपनी समन्दर जैसी आकृति उकेरने वाली एक अनूठी शख्सियत शौकत आज़मी से सीखना होगा,हर उसे,जिसे लगता है कि कपड़ों के कुछ टुकड़ों से शामियाने भी बनाए जा सकते हैं । कम में बहुत बनाना और बहुत में भी कम की अहमियत समझना ।

कुछ ही लोग हैं जिनको ज़िन्दगी भर दिल के सबसे खूबसूरत हिस्से में रख पाया हूँ,उनमें शौकत आज़मी हैं । लखनऊ में बिताए उनके पलों को पढ़ा है, उनके सफर को जिया है । अब वह नही हैं, लग रहा पूरा एक दौर खींचकर हटा दिया गया है । थियेटर औरफिल्मो की दुनिया का एक बड़ा हिस्सा सूना हुआ है । शौकत आज़मी दर्जनों फ़िल्म के ज़रिए तो सामने रहेंगी मगर अब कैफ़ी और मैं की खूबसूरत आवाज़ कैफ़ी से जा मिलेगी । उस कैफ़ी से जिसे उन्होंने खुद चुना था,जो सालों पहले बिछड़ गए ।

शौकत आज़मी बहुत याद आएँगी । कलाकार हमेशा ज़िन्दा रहता है अपने किरदारों में,आप भी हमेशा मिलेंगी,जब जब याद आएगी,याद की रहगुज़र मिला देगी आपसे । जल्द मिलते हैं, यहां बेहतर लोग कम हो रहें,तो जहां बढ़ रहें, वही चलते हैं, आपके पीछे पीछे...
(फ़ोटो में कैफ़ी, शबाना और शौकत आज़मी हैं । एक दूसरे की ज़िंदगी से इतना गुँथे हुए की बिना सबके किसी एक का ज़िक्र ही अधूरा है)                                         साभार : राममोहन राय की कलम से।

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