अमेरिका में भारतीय मेला रेडमण्ड, वाशिंगटन में एक भारतीय मेले में जाने का अवसर मिला । यह मेला अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों के विभीन्न संगठनों ने वैदिक कल्चर सेंटर व सिंगापुर एयरलाइन्स की मदद से लगाया हुआ था और मेला का नाम दिया था *आनंद मेला* । मुझे यहाँ आकर कतई भी यह अहसास नही हुआ कि हम विदेश में है । हजारों भारत वंशी अपनी इलाकाई अथवा धार्मिक विभिन्नता को नजरंदाज करके इसमे शिरकत कर रहे थे । मेला में वह सब कुछ था जो मेरे शहर पानीपत के देवीमन्दिर के मेले में होता है । हर तरह के सामान ,कपड़ो , खिलोने की छोटी -२ दुकानें , चाट ,पकोड़ी ,गोलगप्पे , डोसा ,इडली व बड़े के स्टाल ,जहाँ पर खरीदने व खाने वालों की लंबी -२ लाइन लगी थी । बस एक अंतर रहा कि यहां हमारी तरह धक्का मुक्की नही थी । क्या ये सब कुछ अलग तरह के हिंदुस्तानी थे, जी बिल्कुल भी नही ,ये वे ही थे जो भारत में किसी अनुशासन में नही होते । जहां खाया वहीं फेंका और आगे चलते बने पर यहां वे ऐसा नही करते । छोटा सा कागज का टुकड़ा भी वे कहीं भी इधर उधर न फेंक कर डस्ट बिन में ही डालते है । हर जगह तीन तरह के डिब्बे...
भारत ने दुनिया को दिया ज्ञान विज्ञान और आध्यात्म का सन्देश : दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु परम पावन दलाई लामा जी द्वारा आज विभिन्न लॉ विश्वविद्यालयों एवं कानूनी संस्थाओं के 17 प्रज्ञावान जिज्ञासओं को आज के विश्व की समस्याओं के उत्तर विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है कि जिसने पूरे विश्व को ज्ञान- विज्ञान और आध्यात्म का संदेश दिया। भगवान बुद्ध ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व बोधित्व की प्राप्ति के पश्चात स्पष्ट रूप से कहा कि उनके मत को कोई भी आस्था के आधार पर स्वीकार न करें, अपितु तर्क के आधार पर उसकी जांच और प्रयोग करें, तभी उसे माने। हमारे देश में दो तरह के वैश्विक विचार रहे हैं। एक नालंदा और दूसरा संस्कृत विचार। नालंदा पक्ष के अनेक आचार्यों ने बुद्ध धर्म की समालोचना एवं समीक्षा की और वहीं के आचार्य नागार्जुन ने भगवान बुद्ध के शिष्य होने के बावजूद भी उनके ही कई विचारों को तर्क के आधार पर नकार दिया। पाली एवं अन्य भाषा के ग्रंथों का संस्कृत में अनुवाद करके 300 से भी अधिक संकलन तैयार किए गए। जिससे यह साबित होता है कि ज्ञान की प्राप्ति के लिए हर ...
मैं तो रवीश जी की बात से पूरी तरह सहमत हूं और संविधानिक संस्थाओं से खुली और निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं और आप ? ........................... भाजपा के देश भर में बने 600 से ज्यादा भव्य आफिसों पर मीडिया मौन क्यों है : रवीश कुमार Posted on March 30, 2019 by रवीश कुमार भारतीय जनता पार्टी की खासियत है कि वह कांग्रेस को तो भ्रष्ट बताती है पर अपनी ईमानदारी नहीं बताती। ऐसा कोई दावा नहीं करती। 2014 और इससे पहले कुछ किया भी हो, अब करने लायक भी नहीं है। दूसरी ओर, नोटबंदी के समय खबर छपी थी कि अलग-अलग शहरों में पार्टी ने जमीन खरीदी है – ज्यादातर मामलों में नकद देकर। उस खबर का कोई फॉलोअप नहीं हुआ और पार्टी ने कोई सफाई भी नहीं दी। गोदी मीडिया में चूंकि भाजपा के विरोधियों के भ्रष्ट होने के आरोप ही छपते हैं इसलिए भाजपा से ना कोई सवाल करता है, ना भाजपा मौका देती है और ना ही पूछे जाने पर जवाब देती है। आरटीआई कानून लाने वाली पार्टी को भाजपा ने भ्रष्ट घोषित कर रखा है और मीडिया की दुम मरोड़े बैठी पार्टी ने खुद की छवि ईमान...
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