नई दिल्ली :व्हीलचेयर पर पासवान, बेटे चिराग को मंत्री बनाने की जुगत

मुबाहिसा: राजेन्द्र मौर्य
बिहार में जेपी आंदोलन से निकले दलित नेता रामविलास पासवान जहां, मात्र तीन साल पहले तक स्वस्थ ऊर्जावान शरीर के लिए अक्सर चर्चा में रहते थे। जिनके चेहरे पर कहीं भी उम्र का प्रभाव नहीं दिखता था, हमेशा अपने काम में पूरी मेहनत से सक्रिय दिखते थे। वहीं, 73 वर्षीय केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान इन दिनों  काफी अस्वस्थ दिख रहे हैं। व्हीलचेयर पर पासवान को देखकर उनके समर्थक काफी दुखी भी नजर आ रहे हैं, लेकिन पासवान ने शायद यह बात काफी समय पहले ही भांप ली थी और इसी बात को ध्यान में रखते हुए अपने पुत्र चिराग पासवान को पहले लोजपा संसदीय बोर्ड का चेयरमैन और अब लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर अपनी पूरी विरासत ही चिराग पासवान को सौंप दी है। कल तो पासवान ने पटना में लोजपा के स्थापना दिवस के मौके पर राजनाति में परिवारवाद की पैरवी करते हुए देश के तमाम नेताओं को भी इस रास्ते पर चलने की सीख दी। पासवान पर इन दिनों यदि पूरा गौर किया जाए तो वह पूरी तरह राजनीति से संन्यास लेने की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इससे पहले वह चिराग पासवान को अपने स्थान पर मोदी सरकार की कैबिनेट में  बैठाना चाहते हैं । चिराग को लोजपा का अध्यक्ष बनाना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। वह इस बार लोकसभा  का चुनाव नहीं लड़े और चिराग को मंत्री बनाने की कोशिश की लेकिन उनकी बात मोदी और शाह ने नहीं मानी। फिर कुछ सहमति बननी शुरू हुई तो चिराग के लिए राज्यमंत्री की आवाज आई जिसके लिए पासवान तैयार नहीं हुए। अब  पासवान ने दोबारा कोशिश शुरू की। पासवान के कुछ नजदीकी सूत्र  बताते हैं  कि पासवान अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मोदी और शाह को  जहां अपनी मंशा से अवगत करा चुके हैं, वहीं सहमति बनाने के लिए भाजपा में अपने निकटस्थ रविशंकर प्रसाद और भूपेन्द्र यादव को लगाया है। लोजपा की ओर से अप्रैल में पटना में एक बड़ी रैली आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस रैली में लोजपा पूरी तरह चिराग पासवान की दिखाई जाएगी। मोदी सरकार पर चिराग को पासवान के स्थान पर कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए दबाव बढ़ाने की रणनीति पर भी निरंतर काम किया जा रहा है।

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