हाली पानीपती : सबको मीठी निगाह से देखो


'तुम अगर चाहते हो मुल्क की खैर
न किसी हम वतन को समझो गैर
हो मुसलमान उसमे या हिन्दू
बौद्ध मजहब हो या के हो ब्रह्मू
जाफ़री होवे या के हो हनाफ़ी
जैन मत होवे या के होवे वैष्णवी
सब को मीठी निगाह से देखो
समझो आँखों की पुतलियाँ सबको '
              'हाली पानीपती '

Comments

Popular posts from this blog

mirror of society : समाज का आईना है "फीका लड्डू"