दिल्ली: पीएम मोदी ने की घोषणा -अगले 21 दिन तक लागू रहेगा देश में लॉकडाउन
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भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश को संबोधित किया है।
उन्होंने कहा है कि देश भर में 24 मार्च की रात 12 बजे से लॉकडाउन लागू
होगा । आगामी 21 दिन तक यह लॉकडाउन लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि यह समय
धेर्य और संकल्प का समय है। पीएम ने डॉक्टर, वार्ड ब्वाय, मीडिया,
पुलिसकर्मियों के कामों को भी सराहा है। इससे पहले उन्होंने भाषण की शुरुआत
कोरोना वायरस को हराने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के
लिए जनता का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस से हम इस जंग
से जीत सकते हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया भर से हमें सीख लेनी चाहिए। पीएम
नरेंद्र मोदी ने देश से अपील की है कि वे अपने घर पर ही रहें।
Wayanad MP & Former congress President RahulGandhi spoke to the Prime Minister Narendra Modi seeking all possible assistance for the people severely affected by the floods and landslides in the state, especially in Wayanad. The PM has assured to provide any assistance required to mitigate the effects of the disaster.
लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मोदी सरकार के आरक्षण के मुद्दे पर घिरते ही संकट मोचक की भूमिका संभाल ली है। पासवान ने सदन में अपने बेटे चिराग पासवान को सरकार का बचाव करते हुए आरक्षण के समर्थन में बुलवाया और स्वयं ने अपने आवास 12 जनपथ दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सांसदों को इकट्ठा किया। उनके बुलावे पर कई मंत्रियों समेत करीब 50 सांसद जुटे।
पासवान के चहेते अब पारस के चहेते बने, चिराग मिले स्पीकर बिड़ला से दिवंगत दलित नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के चहेतों को अपनी ओर खींचने के लिए पशुपति पारस ने अपनी कार्यकारिणी की पहली सूची में खूब जगह दी है। उनका यह प्रयास भी चिराग पासवान को मैदान में अकेले छोड़ देने का है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि चिराग पासवान पूरी तरह से खालिक और एपी बाजपेई पर निर्भर हो चुके हैं, जबकि रामविलास पासवान किसी पर निर्भर नहीं थे। वह देशभर में अपने समर्थक कार्यकर्ताओं से सीधे जुड़े थे और सभी को यथा योग्य संगठन में सम्मान देकर साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। यह खालिक के पार्टी में बढ़े वर्चस्व का ही परिणाम है कि पासवान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले तमाम पार्टी के छोटे बड़े कार्यकर्ता पदाधिकारी पारस की ओर खींचे जा रहे हैं। आज पारस की जारी सूची से तो यही लगता है कि रामविलास पासवान के खास रहे लोगों को उन्होंने अपनी ओर खींचने के लिए कार्यकारिणी में खूब तरजीह दी है। लोजपा पारस गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पशुपति कुमार पारस ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया। ...
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