दिल्ली: पीएम मोदी ने की घोषणा -अगले 21 दिन तक लागू रहेगा देश में लॉकडाउन
Get link
Facebook
X
Pinterest
Email
Other Apps
भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश को संबोधित किया है।
उन्होंने कहा है कि देश भर में 24 मार्च की रात 12 बजे से लॉकडाउन लागू
होगा । आगामी 21 दिन तक यह लॉकडाउन लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि यह समय
धेर्य और संकल्प का समय है। पीएम ने डॉक्टर, वार्ड ब्वाय, मीडिया,
पुलिसकर्मियों के कामों को भी सराहा है। इससे पहले उन्होंने भाषण की शुरुआत
कोरोना वायरस को हराने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के
लिए जनता का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस से हम इस जंग
से जीत सकते हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया भर से हमें सीख लेनी चाहिए। पीएम
नरेंद्र मोदी ने देश से अपील की है कि वे अपने घर पर ही रहें।
मुंबई डायरीज 26/11 : गैर जिम्मेदार इलेक्ट्रानिक मीडिया को किया बेनकाब टीवी की लाइव रिपोर्टिंग बनी आतंकियों की मददगार मुबाहिसा ः आर.के. मौर्य भा रत में 26 नवंबर 2011… मुंबई के लिए, महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐसी रात थी, जिसमें टेलीविजन पर इंसानियत को गोलियों से छलनी होते हुए देखा, बम विस्फोट में भाईचारे के चीथड़े उड़ते देखे। देश की अखंडता को चुनौती देते हुए आतंकवादियों के हाथों सैकड़ों मासूम लोगों को मरते देखा। उस रात और उसके बाद के करीब 60 घंटों तक दुनिया ने देखा कि पाकिस्तान जैसा मामूली देश, हिंदुस्तान से नफरत करने के नाम पर उनकी सेना और आतंकवादियों के ज़रिये कैसे मुंबई जैसे महानगर पर हमला करता है और वहशत का एक ऐसा अश्लील नृत्य होता है, जिसे देखकर पत्थरदिल लोग भी पिघल कर रो पड़े थे। इसी पूरे मंजर को दिखाते हुए नौ सितंबर को प्रदर्शित हुई वेब सीरीज "मुंबई डायरीज 26/ 11" में निर्देशक निखिल अडवाणी और निखि...
=आपसी विश्वास= संत कबीर रोज सत्संग किया करते थे। दूर-दूर से लोग उनकी बात सुनने आते थे। एक दिन सत्संग खत्म होने पर भी एक आदमी बैठा ही रहा। कबीर ने इसका कारण पूछा तो वह बोला, ‘मुझे आपसे कुछ पूछना है। मैं गृहस्थ हूं, घर में सभी लोगों से मेरा झगड़ा होता रहता है। मैं जानना चाहता हूं कि मेरे यहां गृह क्लेश क्यों होता है और वह कैसे दूर हो सकता है?’ कबीर थोड़ी देर चुप रहे, फिर उन्होंने अपनी पत्नी से कहा, ‘लालटेन जलाकर लाओ’। कबीर की पत्नी लालटेन जलाकर ले आई। वह आदमी भौंचक देखता रहा। सोचने लगा इतनी दोपहर में कबीर ने लालटेन क्यों मंगाई। थोड़ी देर बाद कबीर बोले, ‘कुछ मीठा दे जाना।’ इस बार उनकी पत्नी मीठे के बजाय नमकीन देकर चली गई। उस आदमी ने सोचा कि यह तो शायद पागलों का घर है। मीठा के बदले नमकीन, दिन में लालटेन। वह बोला, ‘कबीर जी मैं चलता हूं।’ कबीर ने पूछा, ‘आपको अपनी समस्या का समाधान मिला या अभी कुछ संशय बाकी है?’ वह व्यक्ति बोला, ‘मेरी समझ में कुछ नहीं आया।’ कबीर ने कहा, ‘जैसे मैंने लालटेन मंगवाई तो मेरी घरवाली कह सकती थी कि तुम क्या सठिया गए हो। इतनी दोपहर में लालटेन की क्या जरूरत। लेकिन न...
Comments
Post a Comment