JHARKHAND : भूखों को दाल भात खिला रही दीदी की रसोई
- झारखंड में दीदी किचन मिटा रही रोजाना 8 से 10 लाख लाेगाें की भूख
- कोरोना में जरूरतमंदों के लिए बन गई है वरदान
- सामाजिक दूरी का और हाथ धुलाई व स्वच्छता का पालन
झारखंड राज्य के 4121 पंचायतों में "मुख्यमंत्री दीदी किचन" संचालित हाे रहा है। साथ ही पंचायतों में दाल-भात केंद्र के माध्यम से ताजा एवं गर्म खाना परोसा जा रहा है। दीदी किचन के माध्यम से रोजाना आठ से दस लाख जरूरतमंद लाेगाें काे भोजन कराया जा रहा है। कोविड-19 के बढ़ते प्रसार के बचाव एवं रोकथाम के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी के अंतर्गत गठित सखी मंडल इस दिशा में लगातार बिना किसी पारश्रमिक के ही प्रयासरत हैं। जेएसएलपीएस की ओर से बताया गया कि राज्य में लॉकडाउन अवधि में उत्पन्न परिस्थितियों से प्रभावित गरीब व असहाय, निर्धन परिवारों तथा बाहर राज्यों से आए हुए मजदूराें को खाली पेट न सोना पड़े, इसे लेकर ग्रामीण विकास विभाग के तहत जेएसएलपीएस ने सराहनीय काम किया है।
- सजग व सक्रिय भूमिका में सखी मंडल की दीदियां
अपने
कर्तव्यों का निष्ठावान तरीके से निष्पादन करने की कवायद में सखी मंडल की
दीदियों ने शारीरिक व मानसिक रूप से लाचार व विवश लोगों तक घर-घर जा कर 2
वक्त का पक्का व गर्म खाना परोसा जा रहा है। सखी मंडल की दीदियां इतना सब
सिर्फ सेवा-भाव से कर रही हैं व पूरे राज्य में अपनी ज़िम्मेदारी व सामाज के
प्रति अपनी दायित्वों का निर्वाहन कर रही हैं। इसमें सामाजिक दूरी बनाए
रखने का नियम का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। साथ ही सभी लाेगाें काे
खाना खिलाने के पहले उनका हाथ भी अच्छी तरह से धुलवाया जा रहा है।
- मास्क में डाल रही हैं आसुत लेमन ग्रास या तुलसी का तेल
सखी
मंडल की दीदीयां प्रदेश में सैनीटाइज़र व मास्क की कमी और इसकी भारी मांग
को देखते हुए लगातार मास्क व सेनिटाइजर के उत्पादन कार्य मे जुटी हैं।
सकारात्मक पहल और दीदियों के प्रयासों के परिणाम स्वरूप मास्क व सेनोटाइजर
की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। जेएसएलपीएस की दीदियों द्वारा निर्मित
किए जा रहे सैनिटाइजर में डब्ल्यूएचओ के सभी मानकों का ध्यान रखा गया है।
प्रदेश के खूंटी जिले में एक अनोखी पहल देखी जा रही है, सैनीटाइज़र में
दीदियां उनके द्वारा आसुत लेमन ग्रास अथवा तुलसी का तेल मिला रही हैं।
सेनेटाइजर का यह हर्बल मिश्रण लोगों को खासा पसंद आ रहा है। खूंटी जिला
अंतर्गत तुलसी व लेमन ग्रास युक्त सेनेटाइजर बनाने की दिशा में यहां बनाए
गये सैनिटाइजर में निश्चित मात्रा में अल्कोहल, ग्लीसरीन, डिस्टिल्ड पानी व
लेमन ग्रास अथवा तुलसी की मात्रा का मिश्रण किया जा रहा है।
- डेढ़ लाख से ज्यादा सैनिटाइजर का विनिर्माण
मास्क की आवश्यकता को देखते हुए इसके उत्पादन के लक्ष्य को बढ़ाया
जा रहा है। प्रदेश में अब तक सखी मंडलों द्वारा 4 लाख 32 हजार से ज्यादा
मास्क का निर्माण किया जा चुका है। वहीं विभिन्न जिलों में डेढ़ लाख से
ज्यादा सैनिटाइजर का भी पैकेजिंग एवं विनिर्माण सुनिश्चत किया गया है। आपदा
की इस घड़ी में सखी मंडल की महिलाएं गांवों में उम्मीद बनकर खड़ी है वहीं
शहरों के लिए भी सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
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