RISHI KAPOOR IS Dies @67 : दाऊद इब्राहिम से मुलाकात की थी ऋषि कपूर ने

फिल्म अभिनेता रिषि कपूर का भी निधन हो गया है। वह भी कैंसर से जंग लड़ रहे थे। दो दिन में लगातार फिल्मी दुनिया ने दो बड़े कलाकारों को अलविदा कहा। कल ही इरफान खान ने कैंसर से लड़ते हुए दम तोड़ा था।

  • दाऊद इब्राहिम से की थी मुलाकात
फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी "खुल्लम खुल्ला" में बताया कि वह 1988 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मिले। उनकी मुलाकात के बारे में कई रोचक खुलासे करते हुए लिखा  "फेम ने मुझे कई अच्छे लोगों से कॉन्टेक्ट कराया, तो वहीं कुछ संदिग्ध लोगों से भी मिलवाया। उन लोगों में एक दाऊद इब्राहिम भी था। बात साल 1988 की है। मैं अपने क्लोज फ्रेंड बिट्टू आनंद के साथ दुबई गया था, जहां मुझे आशा भोंसले और आरडी बर्मन का नाइट प्रोग्राम अटेंड करना था। दाऊद का एक आदमी एयरपोर्ट पर रहता था जो उसे वीआईपी लोगों की खबरें देता था। तभी एक अजनबी शख्स ने मेरे पास आकर मुझे फोन दिया और कहा- दाऊद साहब बात करेंगे। ये सब बात 1993 के मुंबई ब्लास्ट से पहले की थी। मुझे नहीं लगता था कि दाऊद भागा हुआ था और ना ही वो उस स्टेट का दुश्मन था। दाऊद ने मेरा स्वागत किया और कहा- किसी भी चीज की जरूरत हो तो बस मुझे बता देना। उसने मुझे अपने घर भी बुलाया। मैं भौंचक्का था।"

  • दाऊद ने ऋषि को चाय पर बुलाया

ऋषि कपूर ने लिखा "कुछ समय बाद मुझे एक लड़के से मिलवाया गया जो ब्रिटिश जैसा दिखता था। वो बाबा था, दाऊद का राइट हैंड था। उसने मुझसे कहा- दाऊद साहब आपके साथ चाय पीना चाहते हैं। मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगा और मैंने न्यौता स्वीकार कर लिया। उस शाम मुझे और बिट्टू को हमारे होटल से एक चमकती हुई रोल्स रॉयस में ले जाया गया। वहां बात कुटची भाषा में हो रही थी मुझे समझ नहीं आ रहा था। लेकिन मेरा दोस्त समझता था। हमें सर्कल में ले जाया गया था इसलिए हमें लोकेशन सही से समझ नहीं आई। दाऊद ने मुलाकात के दौरान सूट पहना हुआ था। आते ही उसने कहा कि मैं ड्रिंक नहीं करता इसलिए आपको चाय पर बुलाया। इसके बाद हमारा चाय और बिस्किट का सेशन 4 घंटे चला। दाऊद से मेरी कई सारे बातें हुई, जिसमें उसकी क्रिमिनल एक्टिविटीज भी शामिल थीं। इन पर उसे कोई रिग्रेट्स नहीं था। उसने मुंबई कोर्ट मर्डर का जिक्र करते हुए कहा, 'उस शख्स को मैंने इसलिए शूट किया था क्योंकि वो अल्लाह शब्द के खिलाफ जा रहा था। और मैं अल्ला का बंदा हूं इसलिए मैंने उसे शूट किया।' इस रियल लाइफ मर्डर सीन को बाद में फिल्म अर्जुन (1985) में फिल्माया गया।"
  • दाऊद को पसंद थी फिल्म 'तवायफ'

ऋषि कपूर ने 'खुल्लम खुल्ला' में यह भी लिखा, "दाऊद को मेरी फिल्म तवायफ काफी पसंद आई थी। इसका जिक्र करते हुए उसने कहा था, 'मुझे 'तवायफ' काफी पसंद आई, क्योंकि उसमें तुम्हारा नाम दाऊद था।' दाऊद का कहना था कि फिल्म से मैंने उसके नाम को महान बना दिया है। दाऊद ने कहा कि वो मेरे फादर, मेरे अंकल, दिलीप कुमार, महमूद, मुकरी जैसे एक्टर्स को काफी पसंद करता है। दाऊद से मिलने जाने से पहले तक मैं काफी डरा हुआ था, लेकिन वहां जाने के बाद मैंने काफी रिलैक्स फील किया। दाऊद से एक बार फिर मेरी मुलाकात1989 में दुबई में हुई। उस दौरान नीतू भी मेरे साथ थी। हम शॉपिंग पर गए थे। शॉप में ही दाऊद से मुलाकात हुई थी। दाऊद मुझसे गर्मजोशी से मिला। लेकिन पता नहीं बाद में ऐसा क्या हो गया कि उसने भारत के खिलाफ ऐसा खौफनाक कदम उठाया।"

  • बेटी के कहने पर छोड़ी ऋषि ने सिगरेट
ऋषि कपूर ने बताया कि वे पहले खूब सिगरेट पीया करते थे। लेकिन बेटी के एक कमेंट के बाद उन्होंने इसे हमेशा के लिए छोड़ दिया। उन्होंने लिखा है, "मैं बहुत ज्यादा स्मोकिंग करता था। लेकिन मैंने तब सिगरेट छोड़ दी, जब उसने (बेटी ने) कहा- मुझसे आपको सुबह-सुबह किस  नहीं होगा, क्योंकि आपके मुंह से बदबू आती है।" रिद्धिमा ऋषि की पहली संतान हैं। 1980 में उनका जन्म हुआ था। ऋषि के मुताबिक, जब रिद्धिमा का जन्म हुआ तो वे और नीतू सातवें आसमान पर थे। उस वक्त किसी को इस बात से शिकायत नहीं थी कि पहली संतान के रूप में उन्हें बेटी हुई। बाद में रणबीर का जन्म हुआ और उनकी फैमिली कम्प्लीट हो गई।
  • बच्चों पर पूरा ध्यान देते थे ऋषि
ऋषि कपूर उस वक्त बहुत बिजी थे और बच्चे बहुत छोटे थे। लेकिन वे उनके साथ समय बिताने की पूरी कोशिश करते थे। संडे को उनका ऑफ रहता था और हर साल एक महीने के लिए बच्चों को अब्रॉड भी ले जाते थे। इसके अलावा, आउटडोर शूट पर भी बच्चे उनके साथ होते थे। ऋषि की मानें तो वे उन्हें पूरा अटेंशन देते थे। फिर चाहे वर्क शेड्यूल कितना भी हैक्टिक क्यों न हो। उन्होंने लिखा है कि जब वे आउटडोर शूट पर जाते थे तो उनके साथ सारे नौकर-चाकर भी होते थे। फिर चाहे वह कुक हो या मेड। बकौल ऋषि, "हमारे साथ वीडियो कैमरा, वीडियो प्लेयर और एक टीवी सेट भी होता था, ताकि बेटी खाना खाते समय कार्टून देख सके। शुरुआती दिनों में जब मैं कश्मीर, मैसूर या फिर यूएस में शूट करता था तो रिद्धिमा के लिए स्पेशल कुक रखा हुआ था। ताकि वह उसे उसकी पसंद का खाना बनाकर दे सके। हमारे डोमेस्टिक स्टाफ में से बहादुर और अम्मा हर जगह साथ होते थे। मेरा पूरा क्रू साथ होता था, ताकि पत्नी और बेटी कम्फ़र्टेबल और सुरक्षित महसूस कर सकें।"

  • ऋषि की गर्लफ्रेंड से झगड़ने पहुंच गए थे संजय
ऋषि के मुताबिक, "टीना मुनीम ने स्क्रीन पर अलग आकर्षण बनाया था। मैंने उनके जैसी किसी और मॉर्डन-खूबसूरत को-स्टार के साथ कभी काम नहीं किया। लोग कहते थे कि हम स्क्रीन पर अच्छे लगते हैं। 'कर्ज' में हमने साथ काम किया, जो मेरे दिल के बेहद करीब है। हमारी दोस्ती और साथ आ रहीं फिल्मों के कारण हमारे सीक्रेट अफेयर की अफवाह उड़ी। लोगों ने कहानियां बनाना शुरू कर दिया था। तब मैं शादीशुदा नहीं था और टीना का अफेयर संजय दत्त के साथ था। जब संजू ने हमारे अफेयर की खबर सुनी तो एक दिन वे ड्रग्स के नशे में  गुलशन (ग्रोवर) के साथ नीतू कपूर के पाली स्थित अपार्टमेंट में झगड़ने पहुंच गए।"
गुलशन ने मुझे बाद में बताया कि फिल्म 'रॉकी' की शूटिंग के दौरान संजय, नीतू के घर झगड़ने पहुंच गए थे। लेकिन नीतू ने इस सिचुएशन को बेहतरीन तरीके से संभाला। उन्होंने शांतिपूर्वक संजू को समझाया कि वे बातें महज अफवाहें हैं। नीतू ने उनसे कहा था-'टीना और चिंटू के बीच ऐसा कुछ नहीं है। वे सिर्फ अच्छे दोस्त हैं। इंडस्ट्री में रहते हुए तुम्हें अपनों पर भरोसा करना सीखना चाहिए।' कुछ वक्त बाद, मैं और संजू इन बातों को याद करके हंसते थे। ये अफवाहें तब साफ हुईं जब नीतू और मेरी शादी हुई और इस शादी में मेरी सारी हीरोइन्स पहुंचीं।"
  • अमिताभ बच्चन के साथ रहा तनाव
ऋषि कूपर ने यह भी लिखा, "अमिताभ बच्चन एक महान एक्टर हैं। 1970 की शुरुआत में उन्होंने फिल्मों का ट्रेन्ड ही बदल दिया। एक्शन की शुरुआत ही उन्हीं से होती है। उस वक्त उन्होंने कई एक्टर्स को बेकार कर दिया। मेरी फिल्मों में एंट्री 21 साल की उम्र में हुई। उस वक्त फिल्मों में कॉलेज जाने वाला एक लड़का हीरो हुआ करता था। मेरी कामयाबी का सीक्रेट बस यही है कि मैं काम को लेकर काफी जूनूनी रहा। मेरे ख्याल से पैशन ही आपको सफलता दिलाता है।  उन दिनों अमिताभ और मेरे बीच एक अनकहा तनाव रहा करता था। हमने कभी उसे सुलझाने की कोशिश नहीं की और वो खत्म भी हो गया। इसके बाद हमने साथ में 'अमर अकबर एंथोनी' की और इसके बाद तो गहरी दोस्ती हो गई।
"जीतेंद्र से तो मेरे रिलेशन अच्छे थे, लेकिन अमिताभ और मेरे संबंधों में तल्खी थी। मैं उनके साथ अनकम्फर्टेबल महसूस करता था। वो मुझसे 10 साल बड़े थे, लेकिन मैं उन्हें अमितजी की जगह अमिताभ ही बुलाता था। शायद मैं बेवकूफ था। 'कभी-कभी' की शूटिंग के वक्त तो न मैं उनसे बात करता था और न ही वे। हालांकि, बाद में सब ठीक हो गया और हमारे रिश्ते बेहद अच्छे हो गए। अब तो उनसे फैमिली रिलेशनशिप है। उनकी बेटी श्वेता की शादी मेरी बहन रितु नंदा के बेटे निखिल से हुई है।"

  • बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड खरीदा था
ऋषि ने लिखा है, "ऐसा लगता है कि 'बॉबी' के लिए मुझे बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिलने से अमिताभ निराश हो गए थे। उन्हें लगा था कि ये अवॉर्ड 'जंजीर' के लिए जरूर मिलेगा। दोनों ही फिल्में एक ही साल (1973) में रिलीज हुई थीं। मुझे ये कहते हुए शर्म आती है कि मैंने वो अवॉर्ड खरीदा था। दरअसल उस वक्त में भोला-भाला सा था। तारकनाथ गांधी नामक एक पीआरओ ने मुझसे कहा, सर 30 हजार दे दो, तो मैं आपको अवॉर्ड दिलवा दूंगा। मैंने बिना कुछ सोचे उन्हें पैसे दे दिए। मेरे सेक्रेटरी घनश्याम ने भी कहा था, सर, पैसे दे देते हैं। मिल जाएगा अवॉर्ड। इसमें क्या है। अमिताभ को बात में किसी से पता चला कि मैंने अवॉर्ड के लिए पैसे दिए थे। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि 1974 में मैं महज 22 साल का था। पैसा कहां खर्च करना है, कहां नहीं, इसकी बहुत समझ नहीं थी। बाद में मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ। कभी-कभी के दौरान रिलेशन में गर्मजोशी न होने की एक और कहानी है। अमिताभ फिल्म में सीरियस रोल में थे। जबकि मेरा रोल थोड़ा इसके उलट था। फिल्म में मैं खिलंदड़ा किस्म का हूं। अमिताभ रोल में गंभीरता बनाए रखने के लिए सेट पर अलग-थलग रहते थे। शायद सच तो ये है कि मैंने अवॉर्ड खरीदा था, सबने ये जान लिया था।"

  •  ऋषि जैसा पिता नहीं बनना चाहेंगे रणबीर
'खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' की लॉन्चिंग के दौरान ऋषि कपूर ने खुलासा किया था कि रणबीर लाइफ में उनकी तरह पिता नहीं बनना चाहते। इसकी वजह बताते हुए ऋषि ने कहा-दरअसल, रणबीर जब छोटा था तो मैं अपने काम और फिल्मों में बिजी रहता था। यही वजह है कि वो बचपन से ही अपनी मां से ज्यादा क्लोज है। शायद उसे हमेशा ही अपने पिता की कमी महसूस हुई है। लेकिन मैं माफी चाहता हूं कि मैं ऐसा नहीं कर सका। रणबीर को लगता है कि जब उसके बच्चे होंगे तो वो उनके साथ वैसा बिहैव नहीं करेगा जैसा मैंने उसके साथ किया। ये एक जेनरेशन गैप है। मैं बेटे का दोस्त बनके नहीं रह सकता। दरअसल मैंने जिंदगी को लेकर अपने और बेटे के बीच हमेशा एक अंतर रखने की कोशिश की, शायद यही बात उसे पसंद नहीं है।"
  • राज कपूर को गुरु मानते थे ऋषि
ऋषि कपूर अपने पिता राज कपूर को पिता से ज्यादा गुरु मानते थे। उन्होंने कहा था, "लोग कहते हैं कि मैं मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुआ। हां मैं मानता हूं, लेकिन इसमें मेरी गलती क्या है? मुझे 'बॉबी' फिल्म से काफी शोहरत और सक्सेस मिली। लेकिन मैंने भी अलग-अलग तरह से स्ट्रगल को फेस किया है। मेरे लिए राज कपूर सिर्फ मेरे पिता नहीं, बल्कि गुरू हैं। मैं आज जो कुछ भी हूं उन्हीं की बदौलत हूं।"

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