Cyclone Amphan : अंफान तूफान ने ली पश्चिम बंगाल में 72 लोगों की मौत, ओडिशा में भी भारी नुकसान






  • अंफान तूफान ने ली पश्चिम बंगाल में 72 लोगों की मौत, ओडिशा में भी भारी नुकसान
16 मई को बंगाल की खाड़ी में बने अंफान चक्रवात ने पश्चिम बंगाल के उत्तर व दक्षिण तथा कोलकाता में भारी तबाही  मचाई है। अब तक जो मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक, सुंदरवन में एक भी बांध साबूत नहीं बचा है और न ही कच्चे मकान। सुपर साइक्लोन अंफान के चलते पश्चिम बंगाल में 72 लोगों की मौत हो चुकी है।  20 मई की दोपहर 2.35 बजे सुपर साइक्लोन अंफान के सामने का हिस्सा पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र को छुआ था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि सभी मौतें पेड़ गिरने और पानी में करेंट प्रवाहित होने से हुई हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को 2.5-2.5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है।
  • द्वीपों की नहीं हो रही पहचान
इस चक्रवात के कारण दूर से देखने पर मुश्किल से किसी द्वीप की शिनाख्त हो पा रही है। द्वीपों में समुद्र का पानी भीतर तक चला गया है, जिस कारण अब वहां के खेतों में कई सीजन तक खेती-बारी नहीं हो पाएगी। मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार की शाम से देर रात तक सागरद्वीप में 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और घंटों तेज बारिश होती रही। बंगाल सरकार ने चक्रवात के मद्देनजर लगभग साढ़े 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था, जिससे इस चक्रवात से कम मौतें होने का दावा भी किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीती रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार एक ही बात दोहराती रहीं कि सबकुछ बर्बाद हो गया है। उन्होंने सुंदरवन के सागरद्वीप, काकद्वीप, संदेशखाली आदि द्वीपों का जिक्र करते हुए कहा कि सभी द्वीप ध्वस्त हो गए है। राज्य सरकार ने कहा कि असल नुकसान का अनुमान लगाने में एक हफ्ते से ज्यादा वक्त लग सकता है।
असल, अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों का नाम रखने का सिलसिला 1953 में शुरू हुआ. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले आठ देशों में तूफान का नाम रखने की शुरुआत 2004 में हुई. इसके लिए भारत ने पहल की थी. हिंद महासागर क्षेत्र में बांग्लादेश, भारत, मालदी ..

भारतीय मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, सुपर साइक्लोन के तट से टकराने के बाद आंधी-तूफान तेज हो गया और भयावह बारिश होने लगी। बारिश और आंधी का तांडव देर रात तक चलता रहा। कोलकाता को दो वेदर स्टेशनों पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और कई बिल्डिंगों में दरारें आ गईं। काफी इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
कोलकाता में तुफान से  300 से ज्यादा पेड़ों के साथ ही बहुत सारे बिजली के खंभे भी धराशाई हो गए। पूरे शहर में लगभग बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गी है। कोलकाता के लगभग हर हिस्से में पानी भरा हुआ है। मकानों के भीतर पानी घुस चुका है।
हवाईअड्डा दमदम पूरी तरह जलमग्न हो गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक  ऐसी तबाही उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखी है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम का कहना है कि तूफान के इतने भयावह होने की कल्पना तक नहीं की थी।
  • ओडिशा में भारी नुकसान
चूंकि ये चक्रवात ओडिशा के करीब से होकर गुजरा है, तो यहां भी इससे काफी नुकसान हुआ है। ओडिशा सरकार के अनुसार चक्रवात के कारण 50 से 60 हजार हेक्टेयर धान और 30 से 40 हेक्टेयर अन्य फसल बर्बाद हो गई है। कइ जगहों पर पेड़ गिर पड़े और आंशिक तौर पर बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। अलीपुर मौसमविज्ञान केंद्र के डायरेक्टर जीसी दास ने बताया कि 21 मई की सुबह चक्रवात कमजोर होकर पश्चिम बंगाल से दूर निकल गया है। फिलहाल ये सागरद्वीप और दीघा से 400 किलोमीटर से ज्यादा दूर चला गया है। चक्रवात अब कमजोर होकर निम्म दबाव में बदल गया है, लेकिन अगले कुछ घंटों तक पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में बारिश होती रहेगी।



सुपर साइक्लोन अम्फान ओडिशा के समुद्रतट के करीब पहुंच गया है. इस वजह से समुद्रतटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. अम्फान के बुधवार को दोपहर बाद समुद्रतट से टकराने का अनुमान है. क्या आप जानते हैं इसका नाम अम्फान क्यों पड़ा.

दरअसल, अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों का नाम रखने का सिलसिला 1953 में शुरू हुआ. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले आठ देशों में तूफान का नाम रखने की शुरुआत 2004 में हुई. इसके लिए भारत ने पहल की थी. हिंद महासागर क्षेत्र में बांग्लादेश, भारत, मालदी ..



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