Cyclone Amphan : अंफान तूफान ने ली पश्चिम बंगाल में 72 लोगों की मौत, ओडिशा में भी भारी नुकसान
- अंफान तूफान ने ली पश्चिम बंगाल में 72 लोगों की मौत, ओडिशा में भी भारी नुकसान
- द्वीपों की नहीं हो रही पहचान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीती रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार एक ही बात दोहराती रहीं कि सबकुछ बर्बाद हो गया है। उन्होंने सुंदरवन के सागरद्वीप, काकद्वीप, संदेशखाली आदि द्वीपों का जिक्र करते हुए कहा कि सभी द्वीप ध्वस्त हो गए है। राज्य सरकार ने कहा कि असल नुकसान का अनुमान लगाने में एक हफ्ते से ज्यादा वक्त लग सकता है।
असल, अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों का नाम रखने का सिलसिला 1953 में
शुरू हुआ. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले आठ देशों में तूफान का
नाम रखने की शुरुआत 2004 में हुई. इसके लिए भारत ने पहल की थी. हिंद
महासागर क्षेत्र में बांग्लादेश, भारत, मालदी ..
भारतीय मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, सुपर साइक्लोन के तट से टकराने के बाद
आंधी-तूफान तेज हो गया और भयावह बारिश होने लगी। बारिश और आंधी का तांडव
देर रात तक चलता रहा। कोलकाता को दो वेदर स्टेशनों पर 100 किलोमीटर
प्रतिघंटा से ज्यादा रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और
कई बिल्डिंगों में दरारें आ गईं। काफी इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई
हैं।कोलकाता में तुफान से 300 से ज्यादा पेड़ों के साथ ही बहुत सारे बिजली के खंभे भी धराशाई हो गए। पूरे शहर में लगभग बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गी है। कोलकाता के लगभग हर हिस्से में पानी भरा हुआ है। मकानों के भीतर पानी घुस चुका है।
हवाईअड्डा दमदम पूरी तरह जलमग्न हो गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक ऐसी तबाही उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखी है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम का कहना है कि तूफान के इतने भयावह होने की कल्पना तक नहीं की थी।
- ओडिशा में भारी नुकसान
सुपर
साइक्लोन अम्फान ओडिशा के समुद्रतट के करीब पहुंच गया है. इस वजह से
समुद्रतटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. अम्फान के
बुधवार को दोपहर बाद समुद्रतट से टकराने का अनुमान है. क्या आप जानते हैं
इसका नाम अम्फान क्यों पड़ा.
दरअसल, अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों का नाम रखने का सिलसिला 1953 में शुरू हुआ. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले आठ देशों में तूफान का नाम रखने की शुरुआत 2004 में हुई. इसके लिए भारत ने पहल की थी. हिंद महासागर क्षेत्र में बांग्लादेश, भारत, मालदी ..
दरअसल, अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों का नाम रखने का सिलसिला 1953 में शुरू हुआ. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले आठ देशों में तूफान का नाम रखने की शुरुआत 2004 में हुई. इसके लिए भारत ने पहल की थी. हिंद महासागर क्षेत्र में बांग्लादेश, भारत, मालदी ..
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