Press: प्रेस काउंसिल भंग हो, मीडिया काउंसिल की स्थापना हो

 प्रेस काउंसिल भंग हो, मीडिया काउंसिल की स्थापना हो


नई दिल्ली : वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया (संबंधित भारतीय मजदूर संघ) ने लघु एवम मध्यम समाचार पत्रों की समस्याओं को लेकर एक ऐतिहासिक वेबिनार का आयोजन किया। इसमें मुख्य माँगे :

 प्रेस कौंसिल को तत्काल प्रभाव से भंग करके, उसके स्थान पर मीडिया कौंसिल की स्थापना की जाए।

 प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जो समाचार पत्रों के प्रकाशकों से " लेवी " ली जा रही है, वह इस वर्ष न ली जाए 

DAVP विभाग अखबार मालिकों से कोरोना कॉल के दौरान , जो मार्च से जुलाई तक के समाचार पत्रों की प्रतियां जमा करवाने के लिये कह रहा है, उस नोटिफिकेशन पर भी रोक लगाई जाए। 

कोरोना कॉल के दौरान DAVP जो दो पालिसी लाया है, एक वेब की ओर दूसरी प्रिंट मीडिया की, उसपर रोक लगाई जाएगी

मीडिया GST हटाई जाए


इस कार्यक्रम में देश के कई सारे संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी और पत्रकार जुड़े।  इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भातीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने कहा कि संघर्ष के बिना समाधान नही मिलता। संघर्ष और संवाद दोनो साथ साथ चलना चाहिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि छोटे और मझौले समाचार पत्रों को लघु उद्योग भारती के साथ रजिस्टर होकर संघर्ष किया जाए तो सार्थक परिणाम आएंगे।अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश चंद्र शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों के सभी संगठनों को मिलाकर एक महासंघ की स्थापना हुई चाहिए। न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ विपिन गौड़ ने चिंता जताते हुए कहा कि पत्रकारों के बीच एकता का अभाव है सभी को संगठित होकर एक सुर में आवाज उठानी चाहिए, नेशनल मीडिया कौंसिल से अनिल गुप्ता, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस एंड मीडिया के महासचिव पवन सहयोगी, भारतीय भाषाई समाचार पत्र संगठन से देवेंद्र सिंह तोमर, के अलावे वरिष्ठ पत्रकार ए एल द्विवेदी भोपाल से, झांसी से मनोज तिवारी, शिबू खान, चण्डीगढ से अजय गुप्ता, अल्मोड़ा से संजय अग्रवाल, महारष्ट्र से दादासाहेब आंबेकर, और दिल्ली से प्रोमोद गोस्वामी, स्वतंत्र सिंह भुल्लर आदि कई वरिष्ठ पत्रकार जुड़े और तीनों सत्रों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और पत्रकारों की एकता पर बल दिया। वर्किंग जॉर्नलिस्टस ऑफ इंडिया के महासचिव नरेंद्र भंडारी ने सब को संबोधित करते हुए कहा कि प्रेस कौंसिल को निरस्त करने चाहिए और डी ए वी पी को अपना आदेश वापस लेना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हमारा संगठन सबों को एक करने में जुटा हुआ है और हम दुशरे संगठन को आगे आगे कर के भी एकता बनानी है तो करेगें। इस कार्य क्रम का संचालन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय उपाध्याय ने की।

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