BUDH PURNIMA (#Video) : भगवान बुद्ध ने बताया दुख का कारण और उसका निवारण

  • भगवान बुद्ध ने बताया दुख का कारण और उसका निवारण 

 बुद्ध पूर्णिमा : 26 मई 2021 दिन : बुद्धवार 






  • मुख्य बातें
  • बौद्ध धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है बुद्ध पूर्णिमा का पर्व, जिसे वैशाख पूर्णिमा भी कहते हैं।
  • बुद्ध पूर्णिमा यानी वैशाख पूर्णिमा पर हुआ था गौतम बुद्ध का जन्म, इसी दिन हुई ज्ञान प्राप्ति और इसी दिन हुआ महापरिनिर्वाण।
  • हिंदुओं का मानना, भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं बगवान गौतम बुद्ध.


बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ ही पूरी दुनिया के लिए बुद्ध पूर्णिमा बेहद खास पर्व है। इस दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन उनको ज्ञान प्राप्त हुआ और इसी दिन उनका महापरिनिर्वाण दिवस था। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह पर्व बौद्ध धर्म का प्रमुख त्योहार है। हर वर्ष बुद्ध पूर्णिमा वैशाख के महीने में मनाई जाती है।

भगवान गौतम बुद्ध के महानिर्वाण के वजह से भी यह दिन इतिहास और आस्था के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बौद्ध धर्म के अनुयायी ही नहीं सभी धर्मों के लोग श्रद्धा पूर्वक बुद्ध पूर्णिमा को मनाते हैं।



  • बुद्ध पूर्णिमा खास है.

बुद्ध पूर्णिमा सिर्फ बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों के लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए भी बहुत मायने रखती है। भगवान बुद्ध ने सभी के  लिए दुख का कारण और उसका निवारण बताया। इसलिए भगवान पूरी दुनिया में सभी धर्मों के लोगों के लिए विशेष मायने रखते हैं। हिंदू भी भगवान बुद्ध से अपने को जोड़े रखने के लिए कहते हैं कि भगवान गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं। हालांकि बौद्ध अनुयायियों के मुताबिक यह एक दुष्प्रचार है और हिंदुओं द्वारा अपने मंदिरों में इसी मान्यता के जरिए भगवान बुद्ध की मूर्तियों को सजाया गया है।


  • बुद्ध पूर्णिमा को क्या होता है ?

बौद्ध धर्म अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा बहुत पवित्र त्योहार मानी जाती है, इसदिन तरह-तरह के समारोह का आयोजन किया जाता है। बौद्ध घरों में बुद्ध पुर्णिमा पर दीए जलाए जाते हैं और फूलों से घर को सुसज्जित किया जाता है। इसदिन धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ मिलता है। कई लोग इस दिन दान-पुण्य आदि में लीन रहते हैं। हिंदुओं में बुद्ध पूर्णिमा पर पितरों का तर्पण किया जाता है। हिंदुओं की मान्यता है कि पितरों का तर्पण करने से और मिठाई, सत्तू, कपड़े और जलपान जैसी चीजों का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।


Comments

Popular posts from this blog

mirror of society : समाज का आईना है "फीका लड्डू"