Chirag's Mother Reena Paswan : ब्राह्मण नहीं रविदासी सिख की बेटी हैं रीना पासवान

 

चिराग को अब गैर बिहारी घोषित करने की कोशिश




मुबहिसा : आर.के. मौर्य

दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को कब्जाने के बाद उनके छोटे भाई पशुपति पारस अब उनकी दूसरी पत्नी श्रीमती रीना पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान को गैर बिहारी घोषित करके उनका बिहार और पासवान परिवार से कोई आत्मिक लगाव न होने की बात फैलाने की कोशिश में लग गए हैं। इस मुहिम में रामविलास पासवान की पहली पत्नी श्रीमती राजकुमारी पासवान और उनकी दोनों बेटियों उषा और आशा व दामादों, बहनों समेत उन सभी रिश्तेदारों को भी जोड़ना शुरू कर दिया है, जो किन्हीं न किन्हीं कारणों से पासवान की दूसरी पत्नी श्रीमती रीना पासवान और उनकी दोनों संतान चिराग पासवान व बिटिया लवली से चिढ़ते हैं। इनकी मंशा अब चिराग और उनकी मां रीना पासवान को पूरी तरह गैर बिहारी बताकर बिहार से बेदखल करने की है। 
पासवान के रहते कभी उनके भाई या अन्य परिजन रीना पासवान और उनके बेटे चिराग व बेटी के प्रति नफरत होते हुए भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाए, लेकिन अब पशुपति पारस और उनके साथ जुड़े अन्य परिजन इस कोशिश में हैं कि रीना पासवान और उनके बेटे चिराग को बिहार में रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत से पूरी तरह बेदखल किया जाए, इसके लिए चिराग और उनकी मां रीना के खिलाफ गैर बिहारीवाद का मुद्धा उछाला जा रहा है। उनके खिलाफ कहा जा रहा है कि उनका बिहार से कोई मतलब नहीं हैं वे तो सदा दिल्ली में रहे हैं। वे बिहार की संस्कृति और जमीनी हकीकत से पूरी तरह नावाकिफ हैं। इसमें पारस को कितनी सफलता मिलेगी यह तो वक्त बताएगा, चूंकि चिराग ने भी रामविलास पासवान की राजनीतिक असली वारिस साबित करने के ल‌िए जनता के बीच जाने के ल‌िए आशीर्वाद यात्रा शुरू करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि दोनों की जमीनी तौर पर हैसियत अगले चुनाव में ही पता चलेगी, जिसके लिए अपनी ताकत मजबूत करने के ल‌िए पशुपति पारस और चिराग पासवान खुलकर मैदान में आ गए हैं।
 
   
  • तब कम उविरोध की सम्र में शादी के मझ नहीं थी पासवान को 
दरअसल रामविलास पासवान का राजनीतिक जीवन जितना पाक-साफ माना जाता है, उतना ही उनकी निजी जिंदगी भारी विवादों वाली है।  पुरानी परंपराओं में उनकी शादी मात्र 14 वर्ष की किशोरावस्था में राजकुमारी से कर दी गई। राजकुमारी भी उस समय मात्र 12 वर्ष की थीं। इस शादी के वक्त 1960 में रामविलास पासवान मात्र कक्षा 10 के छात्र थे और उनके गांव और आसपास में इसी उम्र में लड़कों की शादी हो जाती थी। रामविलास पासवान उस समय इतने समझदार नहीं थे कि परिजनों के निर्णय का अपनी किशोरावस्था का वास्ता देकर शादी का विरोध करते। ऐसे में न केवल उनकी शादी हो गई, बल्कि दो बेटी भी पैदा हो गई और श्रीमती राजकुमारी पासवान हमेशा उनके पैतृक गांव बिहार के जिला खगरिया के शहरबन्नी गांव में ही रहीं। 


  • ब्राह्मण नहीं रविदासी सिख की बेटी हैं रीना पासवान
दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान की दूसरी पत्नी रीना पासवान को लेकर यह फैलाया जाता है कि वह ब्राह्मण की बेटी हैं, जबकि वास्तविकता में वह रविदासी सिख सरदार गुरुचरण सिंह की बेटी हैं। वह केंद्रीय सचिवालय में सरकारी कर्मचारी थे। मूल रूप से हरियाणा के जगाधरी के रहने वाले सरदार गुरुचरण सिंह नौकरी लगने के बाद दिल्ली में ही रहे और रीना का जन्म दिल्ली में ही हुआ। 1977 में रामविलास पासवान रिकार्ड बनाकर लोकसभा सांसद चुने गए थे। बिना किसी राजनीतिक विरासत के साधारण से दलित परिवार में जन्मे मात्र  31 वर्षीय इस नौजवान के चर्चे राजनीतिक गलियारे में हो रहे थे। रीना भी उन दिनों राजनीतिक गलियारे से आकर्षित थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात रामविलास पासवान से हुई और यह मुलाकात गहरी होती गई। 1980 में जब जनता पार्टी पतन की ओर थी, तब भी रामविलास पासवान दोबारा जीतकर सांसद बन गए। रामविलास पासवान ने अपनी 14 वर्ष की उम्र में ही शादी होने की बात रीना को बता दी थी, जिसपर पासवान से रीना ने यह कहते हुए शादी करने की बात कही थी कि  वह पहली पत्नी को तलाक दे दें, जिसको पासवान ने स्वीकार कर लिया।

  • राजकुमारी को तलाक
रामविलास पासवान ने पहली पत्नी राजकुमारी को पूरा भरोसा दिया कि वह आजीवन उनके पालन पोषण में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने देंगे और दोनों  बेटियों की भी शादी समेत पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे। इस भरोसे पर पासवान ने अपनी पहली पत्नी राजकुमारी को तलाक दिया, हालांक‌ि राजकुमारी चुनाव और अन्य कई अवसरों पर धोखा देकर तलाक देने का आरोप लगाती रही हैं। पासवान ने आजीवन श्रीमती राजकुमारी के पालन पोषण में कभी कमी नहीं आने दी। पासवान के पैतृक गांव शहरबन्नी में बने शानदार आवास में राजकुमारी रहती हैं। वहां का पूरा खर्च पासवान ने ही आजीवन वहन किया है। राजकुमारी की दोनों बेटियों की शादी के साथ उनको अपेक्षित साधनों के साथ ही रोजगार के अच्छे साधनों से लैस किया। हालांक‌ि ये दोनों बेटियां और उनके दामाद भी अनेक बार खुलकर पासवान के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं।  
साभारः आर. के. मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार       

  • रीना से रामविलास पासवान की शादी
1980 में दोबारा सांसद बनने के बाद रामविवास पासवान ने राजकुमारी को तलाक देकर रीना से शादी का निर्णय लिया और 1980 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। दोनों के साथ रहने का ठिकाना बना  पासवान का सांसद फ्लैट 40 साउथ एवन्यू, जिसमें वह 1989 तक रहे। 1981 में बिटिया लवली और 1982 में चिराग का जन्म हुआ। हालांकि रामविलास पासवान की दूसरी शादी को उनके पिता समेत किसी भी परिजन ने कभी स्वीकार नहीं किया। प्रारंभ में खुलकर विरोध हुआ तो बाद में कई बार राजनीतिक मंचों पर पासवान के जीवन की इस कमजोर कड़ी को लेकर राजकुमारी को आगे रखकर राजनीतिक मुद्दा भी बनाया गया, लेकिन फिर रामविलास पासवान ने कभी भी इस मुद्दे पर विशेष ध्यान नहीं दिया। वह दिल्ली में अपनी दूसरी पत्नी रीना पासवान और उनके दोनों बच्चों लवली और चिराग पासवान के साथ रहने लगे। पासवान ने लवली की वर्ष 2005 में शादी कर दी थी, जबकि चिराग घोषित तौर पर अभी तक अविवाहित हैं।

  • बेटे की चाहत में की रीना से दूसरी शादी
1989 में वीपी स‌िंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने पर वह पूरी तरह से राष्ट्रीय स्तर पर दलित नेता के रूप में स्वीकार कर लिए गए थे। वीपी सरकार और उसके बाद चंद्रशेखर सरकार के गिरने के बाद  1991 में आम चुनाव के दौरान विपक्षियों ने पहली बार रामविलास पासवान को दूसरी शादी का मुद्दा बनाकर घेरने की कोशिश की। मैं भी पासवान के काफी नजदीक आ चुका था और पत्रकारिता के दायित्व के साथ ही उनके साथ निरंतर राजनीतिक रूप से सक्रिय था। मैंने 1991 में ही एक दिन पासवान से दूसरी शादी को लेकर चर्चा की तो उन्होंने मुझे बताया कि राजकुमारी से उनकी बहुत कम उम्र में शादी हुई थी, इसके बावजूद उन्होंने हमेशा से उनको अपनी पत्नी स्वीकार किया। उन्होंने दो बेटियों को जन्म दिया। इसपर उनके पिता और अन्य परिजनों की घर के वारिस पुत्र के लिए दूसरी शादी की जिद रही, जिसपर उन्होंने दूसरी शादी की।

  • पासवान ने ये दिया था हलफनाना
लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार खुलासा किया था कि उन्होंने 1981 में पहली पत्नी से तलाक लिया था। पासवान ने यह खुलासा तब किया तब जनता दल यूनाइटेड ने उनकी वैवाहिक स्थिति को लेकर नामांकन को चुनौती दी थी। हाजीपुर के तत्कालीन सांसद और जदयू उम्मीदवार राम सुंदर दास के एजेंट कन्हैया प्रसाद ने पासवान के मामले को उठाते हुए कहा था कि उन्होंने अपने हलफनामे में पहली पत्नी का राजकुमारी देवी के नाम का जिक्र नहीं किया था।
हालांकि पासवान के वकील जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के समक्ष राजकुमार से 1981 में हुए तलाक से संबंधित दस्तावेज पेश किए थे। पासवान ने राजकुमारी देवी से 1960 में शादी की थी। जब 1977 में पासवान पहली बार सांसद बने तब भी राजकुमारी उनकी पत्नी थी।


  • इंदिरा गांधी  के बाद राजीव गांधी की हत्या की आंधी में हार गए थे पासवान
1977 में रिकार्ड मतों से विजयी होकर 1980 में भी अपनी जीत बरकरार रखने वाले रामविलास पासवान इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी के समर्थन में चली सहानुभूति लहर में चुनाव हार गए थे। यही नहीं यूपी के बिजनौर और हरिद्वार के उपचुनाव में भी सभी विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार होने के बावजूद उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था, हालांकि 1989 में वीपी सिंह की लहर में अपने 1977 के ही रिकॉर्ड को तोड़कर देश में सबसे अधिक मतों से जीतकर तीसरी बार लोकसभा में पहुंचे और केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे।  


  • डीएसपी की नौकरी छोड़कर शुरू किया था राजनीतिक सफर
रामविलास पासवान पढ़ने में काफी होशियार थे, उन्होंने एमए एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की। वह बिहार पुलिस सेवा में डीएसपी भी चयनित हो गए थे, लेकिन इसी दौरान उन्होंने तय किया कि वह पुलिस सेवा नहीं बल्कि देश सेवा करने के लिए पूरे समय राजनीति करने का निर्णय लिया। वह पहली बार 1969 बिहार विधानसभा चुनाव में विजयी हुए, लेकिन 1974 में विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद 1977 में वह देश में रिकॉर्ड तोड़ मतों से लोकसभा सदस्य चुने गए और इसके बाद पहले जनता पार्टी और उसके बाद लोकदल के जरिए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की।  

  • साभारः
  • आर.के. मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार
  • पूर्व राष्ट्रीय सचिव लोक जनशक्ति पार्टी, नई दिल्ली।




Comments

Popular posts from this blog

हिंदुओं का गुरु-मुसलमानों का पीर...Guru of Hindus, Pir of Muslims

हनुमानजी की जाति ?

Mediapersons oppose Modi Govt’s. labour law