statue of Chirag Paswan`s Father Ram Vilas Paswan, Bihar, Dalit

दिवंगत रामविलास पासवान का नाम विवादित न बनाएं !


  • चिराग ने 12 जनपथ में लगाई रामविलास पासवान की प्रतिमा


मुबाहिसा : आर.के. मौर्य

 लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने पिता राम विलास पासवान के नाम से आवंटित सरकारी बंगला 12 जनपथ मेंदिवंगत पिता राम विलास पासवान की प्रतिमा लगवा दी है। इस बंगले को खाली करने के लिए सरकार की ओर से नोटिस जारी किया हुआ है। इस बंगले में राम विलास पासवान ने करीब तीन दशक अपने परिवार के साथ बिताए थे। अब यह बंगला  केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया जा चुका है। चिराग पासवान इस बंगले को खाली नहीं करने की जिद पर अड़े हैं। हालांकि चिराग की यह जिद रामविलास पासवान के आजीवन राजनीतिक सिद्धांतों के विपरित है। रामविलास पासवान  पूरे जीवन राजनीति में शुचिता का पालन करते रहे। 2009 में जब वह चुनाव हार गए तो कुछ माह तक सांसद नहीं रहते हुए उन्होंने इस बंगले का मार्किट रेट से भुगतान किया था। बाद में वह राज्यसभा सदस्य चुन लिए गए थे।       
दिवंगत पासवान की जो प्रतिमा लगाई है, उसमें छाती तक का हिस्सा दर्शाया गया है। मूर्ति में नीले रंग के प्रिंस सूट में भरी दाढ़ी के साथ उनके चेहरे पर मुस्कान भी दिखाई गई है। इसे 12 जनपथ में लगाया गया है, जहां अब बेटे चिराग रहते हैं।
चिराग पासवान को हालांकि सांसद की हैसियत से 23, नॉर्थ एवेन्यू (बिहार के जमुई से लोकसभा सांसद के नाते सरकार बंगला मिला है) आवंटित है, लेकिन वह हमेशा अपने पिता के साथ ही 12 जनपथ में रहते रहे। नार्थ एवन्यु वाले आवास को क्षेत्र के लोगों के रहने के लिए उपयोग किया जाता रहा।
केंद्रीय मंत्री रहते हुए ही रामविलास पासवान का अक्तूबर 2020 में निधन हो गया। इस पर केद्रीय सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने पासवान परिवार को बंगला खाली करने से जुड़े नोटिस भेजे थे। साथ ही यह बंगला केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री को आवंटित कर दिया था। पासवान के निधन के बाद एक साल के भीतर उनके परिवार को सरकारी आवास खाली कर देना चाहिए। अगले महीने यह समय सीमा पूरी होने वाली है। चिराग पासवान इसी बंगले में रहने के लिए बार-बार वक्त मांगते रहे हैं, लेकिन उनको समय मिला या नहीं, यह कहीं पुष्टि नहीं हो पा रही है। हालांकि चिराग से से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि पासवान परिवार ने वहां रहने के लिए कुछ वक्त की मोहलत ले ली है।

  • प्रतिमा लगाने के सियासी मायने
सियासी गलियारों में  12 जनपथ में चिराग द्वारा पिता की प्रतिमा लगवाने के कई गहरे मायने चर्चा में आ गए हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व को डर है कि चिराग बाहर जाने से इन्कार करके “इस मुद्दे का राजनीतिकरण” कर सकते हैं। दलित समुदाय के बीच दिवंगत पासवान के काफी प्रभाव को देखते हुए भाजपा जानती है कि ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर उनके परिवार का विरोध करना मुश्किल हो सकता है। वैसे भी यूपी विधानसभा चुनाव में कुछ महीने दूर हैं और भाजपा को गैर-जाटव दलित वोटों को पूर्वी यूपी में मजबूत करने की उम्मीद है। पार्टी मध्य और पूर्वी यूपी के कई निर्वाचन क्षेत्रों में पासवान समुदाय के वोटों पर निर्भर है। दरअसल, भाजपा में एक वर्ग को यह भी डर है कि चिराग (जिन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी में परिवार के नेतृत्व वाली अंदरूनी कलह के बाद अपने लिए समर्थन जुटाने के लिए यात्रा निकाली थी) अपने “राजनीतिक लाभ” के लिए लोगों से सहानुभूति पाने की उम्मीद में 12 जनपथ से बाहर निकलना में दिक्कत पैदा कर सकते हैं।
बीजेपी को यह चिंता सता रही है कि अगर आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है, तो बिहार में अन्य सियासी दल इस मुद्दे में शामिल हो सकते हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) नेता जीतन राम मांझी पहले ही मांग कर चुके हैं कि 12 जनपथ को दिवंगत दलित नेता का स्मारक बनाया जाए।
वैसे, पासवानों ने हमेशा भाजपा के साथ अच्छे रिश्ते रखे हैं। यहां तक ​​​​कि जब लोजपा बिहार में जद(यू) के नेतृत्व वाले गठबंधन से बाहर हो गई थी तब चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करने के हर मौके का इस्तेमाल किया था। इस दौरान जमुई के सांसद भाजपा के प्रति सौहार्दपूर्ण थे। इस साल की शुरुआत में रामविलास को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।


  • पासवान के ल‌िए लकी था 12 जनपथ
1989 में केंद्र वीपी सिंह की सरकार में पहली बार मंत्री बनने पर रामविलास पासवान को नई दिल्ली में 12 जनपथ स्थित यह बंगला आवंटित किया गया था। पासवान से पहले इस बंगले में 10 साल तक केंद्रीय मंत्री रहीं श्रीमती मोहसिना किदवाई रहीं थी। पासवान इस बंगले को अपने लिए बहुत ही लकी मानते थे। इस बंगले से पहले वह 40, साउथ एवन्यु में रहते थे। 12 जनपथ में रहते हुए ही वह न केवल कई बार मंत्री बने, बल्कि अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी भी बनाई। इस पार्टी ने बिहार ही नहीं राजस्थान, मणिपुर समेत कई राज्यों की विधानसभा में अपने परचम लहराया।      
लोजपा से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, “पासवान परिवार इस मसले पर बीजेपी से लड़ने के मूड में नहीं है। जल्द ही पार्टी नेताओं की एक बैठक हो सकती है, जिसमें हम स्थानांतरण के समय पर निर्णय लेंगे। सूत्र ने आगे बताया कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व परिवार के संपर्क में था।

  • सोनिया गांधी के पड़ोसी रहे 
12 जनपथ बंगला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है चूंकि इसकी बगल में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके बाद अब तक उनकी पत्नी सोनिया गांधी और परिवार रहता है। इस ताकतवर राजनीतिक घराने के कारण बगल में 12 जनपथ की भी टाइट सिक्योरिटी रहती है।  

  • मैं जहां रहूंगा, मूर्ति वहां जरूर रखी जाएगीः चिराग

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान दिल्ली स्थित 12 जनपथ बंगले को खाली करने को लेकर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मूर्ति रखने से कोई बंगले पर कब्जा नहीं करता है। मैं जहां भी रहूंगा वहां पर वह मूर्ति जरूर रखी जाएगी। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में देश के हर जिले में रामविलास पासवान की मूर्ति लगाई जाएगी। वाराणसी एयरपोर्ट पर लोजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चिराग पासवान की अगवानी की। 
  • लेखक : आर. के. मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार
  • नई दिल्ली

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