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Showing posts from November, 2021

Chacha Amitabh Bachchan mega Super Star and Nephow desperate for Roti

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चाचा अमिताभ बच्चन मेगा सुपर स्टार, भतीजा मुफलिसी का शिकार अरबों की संपत्ति के मालिक है अमिताभ बच्चन सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जहां अरबों की संपति के मालिक हैं, वहीं उनका भतीजा मुफलिसी का शिकार है। इन दिनों अमिताभ बच्चन का भतीजा मीडिया में चर्चा का विषय बना है। अमिताभ बच्चन ने मेहनत के बाद दौलत कमाया है और 79 साल की उम्र में भी उसी जुनून के साथ काम कर रहे हैं। बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले बिग बी के पास अरबों की संपत्ति है। उनके पास करोड़ों की कीमत के कई बंगले और महंगी कारें हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सबसे अमीर अभिनेताओं में गिने जाने वाले अमिताभ का एक परिवार गरीबी के साये में जीने को मजबूर है. अमिताभ का परिवार अमिताभ बच्चन के परिवार, पत्नी जया बच्चन, अभिषेक बच्चन (बेटा), ऐश्वर्या राय बच्चन (बहू), आराध्या बच्चन (पोती) को तो सभी जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बिग बी की मौसी भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमिताभ बच्चन की मौसी के बेटे का नाम रामचंदर और उनके बेटे का नाम अनूप रामचंदर है, जिनकी हालत आज बहुत खराब हो गई है. उसे पाई का शौक है। अनूप रामचंद्र की हालत प

50th wedding anniversary of Journalist k.Vikram rav

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 शादी की अर्धशती के. विक्रम राव        आज (29 नवम्बर) मेरे पाणिग्रहण की पचासवीं वर्षगांठ है। स्वर्ण जयंती!! बिसराई, धुंधली यादें अब हरी हो गयीं, मेघा पर दबाव डाले बिना। लगा मानों आज भोर ही सातवां फेरा लगा था। दक्षिण भारत में ब्रह्म मुहूर्त में ही साइत पड़ती है। अत: नींद का अधूरा रहना सो अलग। अब श्रमजीवी पत्रकार हूं इसलिये अनुष्ठान यदि खबर बन जाये तो यह एक प्रत्याशित घटना ही होगी।          मधुचन्द्र हेतु हम दोनों नैनीताल गये थे। सदा जगमगाता यह पर्वतीय नगर तब घोर अंधकार में था। टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि मार्शल आगा मोहम्मद याहया खान ने भारत पर युद्ध ठाना है। ग्यारह वायुसेना केन्द्रों पर रात बीते बमबारी कर दी। नाम दिया ''आपरेशन चंगेज खान।''        अत: चिरस्मरणीय हो गया हमारा वह पाणिग्रहण का दिन। उसी बेला पर ही युद्ध हुआ था, दो पड़ोसियों में। जब तक हम वापस लखनऊ लौटे, पाकिस्तान का जुगराफिया ही बदल गया था। आजाद बांग्लादेश बन गया। मोहम्मद अली जिन्ना का मजहब को राष्ट्र की बुनियाद मानने वाला फलसफा चूर हो गया। अत: शादी की तिथि हमारी ऐतिहासिक बन गयी।        अगली घटना हुयी चार वर्ष

Osho Rajneesh

 जैसे हो, वैसे ही मस्त रहो!

NHAI plan Four Expressesway in Bihar with Ganga Expressway

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 बिहार में चार एक्सप्रेसवे बनेंगे,   28 जिलों से होगा सीधा संपर्क,  एनएचएआई ने तैयार किया रूट प्लान                                               प्रतीकात्मक फोटो गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ने पर मेरठ का भी होगा बिहार से सीधा संपर्क नई दिल्ली। एनएचएआई ने बिहार में एक्सप्रेसवे का प्लान तैयार किया है। प्लान के तहत बिहार में तीसरा एक्सप्रेसवे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा। अभी बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण तेज गति से चल रहा है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी रोजाना कहीं न कहीं सड़क और परिवहन की सेवा को सुलभ करने में लगे हैं। देखा जाए तो मोदी सरकार की सफलता की एकमात्र जमीनी हकीकत भी एक्सप्रेसवे और परिवहन सेवा के जरिए ही दिख रही है, जिसका पूरा श्रेय नितिन गडकरी को जाता है। एनएचएआई का प्लान है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को ही भागलपुर को जोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 350 किलोमीटर होगी। इस एक्सप्रेसवे का जुड़ाव गंगा पर बने सभी पुलों से भी होगा, जिससे राज्य की सड़क सम्पर्कता में भी वृद्धि होगी। बिहार के बक्सर, भागलपुर और पटना के बाद इसमें बिहार का भागलपुर भी जुड़ जाएगा। पीएम करे

Toll Tax on Delhi Meerut Expressway from next month UP news expressway News

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 मेरठ से दिल्ली के लिए एक्सप्रेसवे पर अगले माह से शुरू होगा टोल नई दिल्ली। मेरठ- दिल्ली एक्सप्रेसवे पर अभी  टोल नहीं लिया जा रहा था। अब इस एक्सप्रेसवे पर बिना टोल दिए यात्रा  करने का सिलसिला थमने जा रहा है।    मेरठ से दिल्ली का सफर करने वालों को अब अगले माह से एक्सप्रेसवे पर भी टोल देने के तैयार हो जाना चाहिए।  रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। लोग देहरादून से देवबंद होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से दिल्ली तक का सफर तय करते हैं।  होंगे। करते  जबसे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे बना है, तबसे इस रूट से दिल्ली-देहरादून के लिए काफी लोग सफर करते हैं। अब तक इस एक्सप्रेसवे पर टोल नहीं लिया जा रहा था। अब इस एक्सप्रेसवे पर बिना टोल दिए सफर करने का सिलसिला थमने जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI अगले महीने से एक्सप्रेसवे पर टोल लगाने की तैयारी में है। NHAI ने सड़क परिवहन मंत्रालय से प्रोजेक्ट का बाकी काम पूरा करने को कहा हैं। (दिल्ली ब्यूरो)

IJU expresses concern over militant's intimidation to Guhawati Editor

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 IJU expresses concern over militant’s intimidation to Guwahati editor Hyderabad: Indian Journalists Union (IJU) expresses serious concern over the intimidation of banned separatist outfit United Liberation Front of Assam (Independent) to a Guwahati-based news channel editor for his views on three youths’ departure to join the militant group. In a statement (dated 22 Nov 2021), the Ulfa (I) targeted  ND24 (News Daily 24) editor Rajdeep Bailung Baruah following his comments that three detained Assamese youths, who seemingly went to join the outfit, if interrogated it would be clear who instigated them to take the path.  Assam Rifles detained them from Mon district of Nagaland bordering Myanmar. Questioning the editor’s rights to make such kind of comments, the  Ulfa (I) warned him for the last time. Crossing all limits, the outfit dictated the editor not to make such ‘mistake’ in future, otherwise the statement asserted, the outfit would take any kind of steps against the editor. Speaki

PM Modi to lay the foundation stone of Ganga Expressway in Meerut in December PrayagRaj UP Bihar

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 मेरठ में गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास दिसंबर में पीएम मोदी करेंगे प्रशासन द्वारा मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे के दिसंबर में संभावित शिलान्यास कार्यक्रम के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे।  शिलान्यास कार्यक्रम मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय में किया जाना संभावित है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा।   मेरठ से बिहार का सफर  गंगा एक्सप्रेसवे के बनने पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए अब मेरठ से बिहार तक का सफर भी अगले चार वर्षों में आसान हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को बलिया तक बनाया जाना है। बलिया से बिहार राज्य की सीमा शुरू हो जाती है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है पश्चिम से पूर्व तक की दूरी एक्सप्रेसवे के माध्यम से पांच से छह घंटे में पूरी हो सके। इसके लिए यूपीडा ने एक्सप्रेसवे का जाल बिछा दिया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे का सबसे अधिक एलाइनमेंट उन्नाव में ही है। इसके

Meghalaya Governor SatyaPal Malik shows Modi the real face in the election mirror up election 2022 farm laws there was no fear of political loss only in up and punjab and loss of seats only in western up the anger ofthe people was clearly visible to the bjp mps and mlas

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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दिखाया प्रधानमंत्री और भाजपा को चुनावी आईने में असली चेहरा                           मुबाहिसा : आर.के.मौर्य   भाजपा को सिर्फ यूपी और पंजाब में सियासी नुकसान का ही डर नहीं था, बल्कि  सांसदों-विधायकों को साफ दिख रहा था कि गांवों में गुस्साए किसानों के सामने वे ठहर नहीं पाएंगे लेकिन कोई भी सांसद या विधायक तो दूर कोई भी पार्टी का कद्दावर नेता इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि वह प्रधानमंत्री मोदी को उनके ऐच्छिक कानूनों की जमीनी हकीकत से  रूबरू करा सके। तमाम गोदी मीडिया और चाटुकर नेताओं के कारण मोदी के अड़ियल रुख के सामने विपक्ष की आवाज भी अनसुनी हो गई। ...तो करनी पड़ी काले कानून वापस लेने की घोषणा ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और किसान के सच्चे सपूत मेघालय के सत्यपाल मलिक ने अपनी कुर्सी और हैसियत की परवाह किए बगैर भाजपा नेतृत्व और विशेष रूप से पीएम मोदी को चुनावी आईने में भाजपा का असली चेहरा और जमीनी हकीकत से बहुत ही दमदारी के साथ रूबरू कराया। साथ में उपचुनाव के परिणाम ने भाजपा के सत्ता गलियारे में खतरे की घंटी के दर्शन कराए। तो परिणाम सामने है कि जो मोदी सैकड

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 किसान संगठनों की अहम बैठक में आंदोलन पर होगा बड़ा फैसला                                                       File Photo कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से आंदोलन चल रहा था, लेकिन गुरुनानक देव की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पीएम के इस फैसले का किसान संगठनों और सियासी दलों ने स्वागत किया है।  कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद 32 किसान संगठनों की शनिवार को बैठक होने जा रही है। आगे की रणनीति तैयार करने के लिए किसानों की बैठक होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेने का एलान किया। पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक साल से ज्यादा समय से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और अपने खेत व परिवार के बीच लौटने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि अगले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इधर, कई किसान संगठनों ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं,  किसान संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन खत्म नहीं करने

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 किसानों से माफी मांग मोदी ने की तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा, कांग्रेस ने सरकार को घेरा मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है. ऐसे में  पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को  देश के नाम संदेश में किसानों से माफी मांगते हुए साफ कर दिया है कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के हित में होने के बावजूद किसानों के भले ही एक वर्ग को ही सही, हम उनको तमाम कोशिशों के बावजूद कृषि कानूनों की अच्छाइयों को समझा नहीं सके इसलिए इन तीनों कानूनों को वापस ले रहे हैं। सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है. ऐसे में  पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है। मोदी ने कहा कि कानून वापस ले रहे हैं लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। मोदी ने आगे कहा

Minister prankster of Pakistan Prime Minister Imran

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 इमरान का मंत्री या मसखरा ! के. विक्रम राव         पाकिस्तान की पीड़ा डबल हो गयी है। उसे दुबई में सेमिफाइनल  हराने वाला आस्ट्रेलिया अब टी—20 क्रिकेट का विश्वकप विजेता हो गया है। मगर प्रश्न है कि क्या इससे ईसाइयत की इस्लाम पर फतह हुयी है ? क्योकि जब पाकिस्तान ने भारत को उसी दुबई स्टेडियम में (24 अक्टूबर 2021) शिकस्त दी थी तो पाकिस्तान के गृहमंत्री मियां शेख राशिद उर्फ शीदा टल्ली ने ऐलान किया था : ''भारत की पराजय, इस्लाम की फतह है। आलमी इस्लाम को पाकिस्तान का यह तोहफा है।'' तो इसके पूर्व विश्वकप मुकाबलों में जो 12 मैच पाकिस्तान हारा था वह इस्लाम की हार थी? अर्थात भारत की आबादी के शेष तीस करोड़ मुसलमान इस मंत्री की नजर में इस्लामी नहीं हैं। मगर किसी भी भारतीय मुसलमान ने आजतक इन बीते तीन सप्ताह में कोई विरोध व्यक्त नहीं किया। पाकिस्तान की विजय के उल्लास में ? अथवा सौ करोड़ गैर मुस्लिम हिन्दुस्तानियों से उन्हें कोई सरोकार नहीं है? तो क्या वे सब काफिर हो गये? सच या झूठ, जैसा भी हो, भारतीय मुसलमान ने इसे नागवार या भद्दा नहीं कहा। कारण पुराना होगा। खैर पाकिस्तानी गृहमंत्री की भ

Why the ruckus on Jawahar Lal Nehru Jaynti Sonia Gandhi Congress

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 नेहरु जयंती पर बखेड़ा ! के. विक्रम राव           सोनिया—नीत कांग्रेस पार्टी ने कल (14 नवंबर 2021) जवाहरलाल नेहरु की जयंती पर संसद के केन्द्रीय हाल के समारोह में भाजपा सरकार के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर क्षोभ व्यक्त किया है। हालांकि मोदी शासन के राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा आये थे। इस आदमकद चित्र का 5 मई 1966 (निधन तिथि : 27 मई 1964) को राष्ट्रपति डा. सर्वेपल्ली राधाकृष्णन द्वारा अनावरण हुआ था। इन्दिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के तीन माह पूर्व।          यूं तो संसदीय सूत्रों ने बताया कि ऐसे अवसरों पर राज्यसभा सभापति तथा लोकसभा अध्यक्ष की हाजिरी परिपाटी के अनुसार आवश्यक नहीं रही। देश के अबतक 15 प्रधानमंत्री हो चुके है। प्रत्येक की जयंती पर ऐसा नाममात्र का औपचारिक कार्यक्रम होता रहता है। मगर सोनिया गांधी द्वारा आलोचना एक विचारणीय विषय है। अत: शिष्ट व्यवहार की रोशनी में चर्चा हो। याद कीजिये कांग्रेस अध्यक्ष तथा पांच साल तक राष्ट्र के नौवें प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की लाश (23 दिसंबर 2004) पूरे दिन 24 अकबर रोड (कांग्रेस मुख्यालय, अब प्रियंका वाड्रा का आवास भी) की फुटपाथ पर

Jailed US journalist Danny Fenster freed and deported from Mynmar

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 Jailed US journalist Danny Fenster freed and deported from Myanmar Guwahati: Jailed for 11 years in Myanmar, the American journalist was released on Monday and was deported out of the south-east Asian country. Danny Fenster is on a flight out of Myanmar, said the authority of a digital media outlet named Frontier Myanmar, where he is working as an editor. There is no available information if Danny was leaving for his home country (USA). The young and energetic journalist was arrested on  24 May 2021 from Yangon International Airport as he was preparing to leave Myanmar for visiting his family in Detroit, Michigan. Since then, he was imprisoned in Insein jail of Yangon, the former capital of Myanmar. The scribe, who earlier worked for Myanmar Now- now banned by the military regime- was repeatedly denied his bail. The military court inside the infamous prison, which otherwise enjoys little liberty in the military ruled nation, pronounced the verdict on 12 November to imprison Danny for

Two young Asian scribes killed ; PEC condoles thair demise

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 Two young Asian scribes killed; PEC condoles their demise Guwahati: Geneva-based Press Emblem Campaign (PEC), the global media safety and rights body, condoles the sad demise of two young journalists in India and Afghanistan within 24 hours and urges the concerned authorities to probe the developments that led to their untimely deaths, and subsequently to book the perpetrators to justice. It may be mentioned that a 22 years old journalist cum Right to Information (RTI) activist named Buddhinath Jha (also known as Avinash Jha) was found dead in Madhubani district of Bihar in eastern India. Buddhinath used to report on many fake medical clinics operating in his locality and some of those were also closed by the authority. Suddenly he went missing four days back and later his charred body was found by a roadside on 12 November. The Benipatti-based family claimed that Buddhinath was offered a lot of money (as bribes) by some illegal healthcare clinic owners, but he did not respond to them

PEC Demands unconditional release of American journalist Danny fenster

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 PEC demands unconditional release of American journalist Danny Fenster Geneva: Press Emblem Campaign (PEC), the global media safety and rights body, expressed its dismay over the 11-year imprisonment of American journalist Danny Fenster by the military junta of Myanmar (also known as Burma and Brahmadesh) and demanded his immediate and unconditional release by the military dictators in Naypietaw. Mentionable is that the US journalist was arrested on  24 May 2021 from Yangon (Rangoon) International Airport as he was preparing to leave Myanmar for visiting his family in Detroit, Michigan. Since then, Danny (around 40 years old) has been imprisoned in Insein jail of Yangon, the former capital of Myanmar, as the scribe was repeatedly denied bail. Lately, the military court inside the infamous prison, which otherwise enjoys little liberty in the military ruled south-east Asian nation, pronounced the verdict on 12 November to imprison Danny for 11 years against various charges of visa breac

Meaning of First Prime Minister Pt. Jawahar Lal Nehru ji's absence in India

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  नेहरू जी के न होने के मायने       पं डित जवाहर लाल  नेहरू विश्व इतिहास के उन विलक्षण व्यक्तियों में से एक है जिनकी सोच तथा  विचार ने अपनी समय के सभी घटना चक्रों  तथा पहलुओं को जहां एक और प्रभावित किया है  वहीं दूसरी ओर अपने विचार प्रकट करने का भी मौका दिया है ।पंडित नेहरू की प्रासंगिकता पर यदि विचार करें तो निश्चित रूप से वे  आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितनी अपने समय में।    उनके विचार किन्हीं  जड़वादी सिद्धांतों अथवा बेतहाशा क्रांतिकारीता पर न होकर विज्ञान सम्मत यथार्थ पर आधारित थे।  यदि किसी रूप में उन पर किसी वाद का ठप्पा लगाए जाने का प्रयास किया जाए तो उनकी सर्वागीणता को एक तंग नजरिए से देखना होगा। इसलिए तमाम प्रगतिशील विचारधाराएं तथा वाद उन्हें अपना जामा पहनाने के प्रयास करते हैं। परंतु नेहरू को वे अपने जामे से बाहर पाते हैं ।वे मार्क्सवादी नहीं थे ,परंतु मार्क्सवाद से प्रभावित जरूर थे ।गांधी जी के अनन्य प्रिय शिष्यों में एक होते हुए भी वे बापू की हर बात से सहमत हो, ऐसी बात न थी। तब भी महात्मा गांधी जी ने उनके बारे में कहा था वह हीरे की तरह   निर्मल है। ऐसा नाम गांधी जी  जैसा पा

NGOs and how many treatments suprime Court

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 एनजीओ ! और कितने उपचार ? के. विक्रम राव         एनजीओ (गैरसरकारी संस्थान) की जनसेवा पद्धति पर नजर तिरछी करते हुये एक बार फिर कल (9 नवम्बर 2021) सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फिक्र व्यक्त किया। आदेश दिया कि हर दान की राशि के व्यय करने का उद्देश्य बताना लाजिमी है। राजग सरकार द्वारा विदेशी वित्तीय चन्दे से संबंधी कानून के संशोधन—नियमों को कुछ एनजीओ ने चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर अदालत में विचार हुआ। इस संदर्भ में मेरी एक निजी व्यथा का उल्लेख कर दूं। जब भी मैं सेवाग्राम (वार्धा), जहां मेरा बचपन गुजरा, तीर्थ करने जाता हूं तो पाता हूं कि इस नगर में एनजीओ की संख्या ज्यादा बढ़ गयी है। इन्होंने धनराशि पाने हेतु अपना पता बापू द्वारा पुनीत की गयी इस भूमि का ही दिया है। देश—दुनिया में गांधी जी (राष्ट्रपिता, न कि कांग्रेसी) का नाम खूब भुनाया जाता है। ऐसा क्यों हुआ कि इतने साल ​बीते मगर किसी भी सरकार ने इसकी परख करने या दुरुपयोग रोकने का प्रयास नहीं किया? सरकारी अमला भी लूट का बटाईदार हो गया है। क्या वजह है कि अधिकतर एनजीओ के मालिक अवकाशप्राप्त प्रशासकगण हैं। कई पुराने आईएएस अफसर अथवा उनके कुटुंबीजन! 

A Wonderful freedom fighter of India J B kriplani

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 एक अद्भुत स्वाधीनता सेनानी के. विक्रम राव           आजादी के अमृत महोत्सव पर आज (11 नवम्बर) उनकी जयन्ती पर एक बांका योद्धा याद आया। वह त्रासदी का पर्याय था। शेक्सपियर के शोकान्तक नाटक के नायक के सदृश। उसने दो सदियां देखीं। उन्नीसवीं और बीसवीं। अपनी जन्मसती के ठीक सात साल पूर्व ही विदाई ले ली थी। पहले ब्रिटिश साम्राज्यवाद से लड़ा। फिर जिन्ना से और अंत में इंदिरा गांधी के आपातकालीन सत्ता के विरुद्ध। अलबेला था। नाम था आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी।           ठीक स्वतंत्रता के वर्ष (1947) में राष्ट्रीय कांग्रेस के वे अध्यक्ष थे। बापू के साथ विभाजन की पुरजोर खिलाफत की थी। अपनी जन्मभूमि (सिंध) गवां दीं। इसके लिये जवाहरलाल नेहरु को उन्होंने कभी भी क्षमा नहीं किया। इस सिंधीभाषी सोशलिस्ट राष्ट्रनायक की बांग्लाभाषी कांग्रेसी पत्नी सुचेता (मजूमदार) कृपलानी उत्तर प्रदेश की चौथी तथा भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री रहीं। संविधान निर्मात्री सभा की प्रथम बैठक पर वंदे मातरम् गाया था।          आज अपने छह दशक के छात्र तथा पत्रकारी जीवन में आचार्य कृपलानी से जुड़ी मेरी यादें ताजा हो गयीं। उनकी शरारत जा

How's the Cricket feeling Pakistan India

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 कैसी हो क्रिकेट की भावना ? के. विक्रम राव               रात ढले कल कुछ मित्रों का फोन आया। बोले : ''पाकिस्तान टी—20 के फाइनल से बाहर हो गया।'' आलोड़ित थे। मानो आस्ट्रेलिया नहीं, भारत जीत गया हो ! तब तक मैं बड़ा आक्रोशित हो रहा था। कारण था कि फील्डर हसन अली ने बैटर मैथ्यू वेड का बेशकीमती कैच छोड़ दिया। फिर वेड ने साथी मार्कस स्टोइंस की जोड़ी में कप्तान मोहम्मद बाबर आजम की टीम को दुबई में टी—20 मैच में हरा दिया। मैंने सोचा अगर पुराना असली बाबर—ए—आजम उजबेकी होता तो आज हसन अली का अबुधाबी में चौराहे पर सर कलम करा देता। या कोड़ों की मार से लहूलुहान बना डालता। यहां दो समान हादसों की तुलना करें। भारतीय बालर मोहम्मद शमी को न्यूजीलैण्ड से हार पर दोषी करार देते हुए उनके मजहब पर कुछ हिन्दुओं ने टीका—टिप्पणी की थी। कप्तान विराट कोहली ने शमी की पुरजोर रक्षा की थी (20 अप्रैल 2019)। मगर कल से पाकिस्तानी मीडिया हसन अली की भारतीय पत्नी सामिया आरजू को भारतीय गुप्तचर एजेंसी की सहायिका बताकर संदेह के घेरे में ला रही हैं। सामिया भारतीय विमान सेवा में परिचारिका थी। एक पुत्री की मां हैं। यहां

PEC demands fair probe into murder of another Pakistani digital media user

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 PEC demands fair probe into murder of another Pakistani digital media user Geneva: Press Emblem Campaign (PEC), the global media safety and rights body, expresses serious concern over the relentless murder of scribes, citizen journalists and digital media users in Pakistan for exposing anomalies in the government, administration, and society through various media outlets and demands fair probes into all those assassinations. Local media outlets reported that one more active Pakistani social media user named Muhammad Zada was killed by two gunmen on 8 November 2021 at his residence in Sakhakot area of Malakand locality under Pakistan’s northwest Khyber Pakhtunkhwa province. Zada (35) ran a digital platform titled Citizen Journalist PK, where he used to post socially relevant issues relating to his home district of  Malakand. The outspoken social activist always took his stand against the illegal drug mafia and expressed his concern about the new generation, who are seemingly under the