There is indication of farmers returning from Delhi Border after the return of agricultural Law, Rakesh Tikait told rumor

  •  कृषि कानून रद्द होते ही किसानों की घर वापसी के संकेत, राकेश टिकैत ने बताया अफवाह 

  

                                                      File photo


नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद में तीनों विवादित कृषि कानूनों के वापस लेने के बाद अब कुछ प्रदर्शन स्थलों से किसानों द्वारा आंदोलन खत्म कर घर लौटने की खबरें मीडिया में आने लगी हैं। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इन खबरों को निराधार और अफवाह बताया है।

भाकियू  नेता राकेश टिकैत ने  कहा कि किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा। चार दिसंबर को हमारी बैठक है। उसमें आगे की रणनीति पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।


  • किसान यूनियनों की आपात बैठक

 

संसद में केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने एक दिसंबर को आपातकालीन बैठक बुलाई है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कादियान के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने सोमवार को एक बयान में कहा कि एक दिसंबर को विशेष बैठक है जो पिछले कुछ समय में सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत करने वाले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित की जाएगी। वहीं, चार दिसंबर को होने वाली सामान्य बैठक तय अनुसार होगी, जिसमें आंदोलन और एमएसपी कमेटी को लेकर फैसला लिया जाएगा। 

 इन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि किसान अब अपना आंदोलन कब खत्म करेंगे। सरकार ने सोमवार को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में कानूनों को आधिकारिक रूप से वापस लेने का विधेयक पेश किया, जिसे दोनों सदनों ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा। 


  • भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किया स्वागत 

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने केन्द्र सरकार के कृषि कानून निरस्त करने के कदम का मंगलवार को स्वागत किया, लेकिन साथ ही उन्होंने मांग की कि आंदोलन कर रहे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा अन्य मुद्दों पर बातचीत की जाए। संसद में कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने संबंधी विधेयक को पारित कर दिया गया था। किसान पिछले एक साल से इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। सिसौली में भाकियू मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन को खत्म करने के बारे में निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा किया जाएगा। एसकेएम के नेतृत्व में ही करीब 40 किसान यूनियन आंदोलन कर रही हैं। टिकैत ने कहा कि केन्द्र के कानूनों को वापस लेने का वादा करने के बाद किसानों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद की ओर प्रस्तावित 'ट्रैक्टर मार्च' रद्द कर दिया था। (दिल्ली ब्यूरो)

 

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