दलितों को शिपिंग सर्विस में मिले प्राथमिकता

मैं मोदी सरकार के भूतल परिवहन और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी से मिलने के लिए उनके दफ्तर पहुंचा, लेकिन वह मेरे पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही कहीं जा चुके थे। उनके सहायक को मैंने अपना एक पत्र सौंपा।
इस पत्र में मैंने उनको बताया है कि शिपिंग कारपोरेशन द्वारा चयन परीक्षा के जरिए प्रारंभ से ही अनुसूचित जाति के छात्रों का प्रशिक्षु नॉटिकल आफिसर के लिए चयन किया जाता रहा है। और कारपोरेशन इनको अपने खर्च पर मेरीटाइम इंस्टीट्यूट में मेरीटाइम यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदत्त बीएससी (नॉटिकल सा‌इंस) डिग्री कोर्स कराया जाता है, जिसका खर्च शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया वहन करती थी, लेकिन इस वर्ष से शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया ने यह खर्च 6.75 लाख रुपये सीधे अनुसूचित जाति के छात्रों से लेना शुरू कर दिया है और जॉब की प्राथमिकता भी समाप्त कर दी है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए शिपिंग सर्विस का रास्ता बंद कर दिया गया है।
पत्र में गडकरी जी से अपेक्षा की गई है कि वह पुरानी व्यवस्था लागू करते हुए अनुसूचित जाति के छात्रों को निशुल्क कोर्स कराएं और उनको पहले की तरह शिपिंग में प्रशिक्षु नॉटिकल आफिसर का जॉब प्रदान किया जाए।
मुझे उम्मीद है कि गडकरी जी इसपर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। यदि उन्होंने इसपर ध्यान नहीं दिया तो फिर इसके लिए हर स्तर पर मुहिम चलाकर केंद्र सरकार को दलित छात्रों के हित में निर्णय लेने के लिए मजबूर किया जाएगा।

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