यूपीः भगवा बाबा सलाखों के पीछे, राजनाथ लेते थे आशीर्वाद


वर्ष 2004 में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती पर बहुचर्चित शंकररामन हत्याकांड में आरोप लगा। बड़े कथावाचक  आसाराम और उसके बेटे नारायण साई पर हत्या और बलात्कार के आरोप लगे और अब बाप-बेटे उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। ऐसे ही तमाम छोटे-बड़े धार्मिक गुरु "घंटालों" राम रहीम, नित्यानंद उर्फ जनार्दन शर्मा, बाबा रामपाल आदि पर समय-समय पर जघन्य अपराधों के आरोप लगते हैं वे जेलों की शोभा बढ़ा रहे हैं या कुछ फरारी में हैं तो कुछ सजा भुगत रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद तेज तर्रार कहे जाने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, पूंजीपति, बड़े अफसर सार्वजनिक रूप से इन गुरु "घंटालों" से आशीर्वाद लेते फोटो खींचवा लेते है, जिसका नतीजा यह होता है कि इन गुरु "घंटालों" की दुकान चल जाती है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों उत्तर प्रदेश का चर्चा में है। जहां दूधिया से गुरु "घंटाल" बने पांच बच्चों के बाप कथित बाबा ने अपने "निनावली सरकार" आश्रम में अपने अंगरक्षक यूपी पुलिस के दरोगा की सर्विस रिवाल्वर से अपने एक सेवक की गोली मारकर हत्या कर दी है। कारण भले ही खुले तौर पर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि सेवक और एक परिजन की नजदीकी को देखकर कथित बाबा आपा खो बैठे और माथे में गोली मारकर सेवक की सुबह-सुबह हत्या कर दी। इस कथित बाबा को मोदी सरकार हो या योगी सरकार सभी का नजदीकी माना जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उनसे आशीर्वाद लेते एक फोटो में दिख रहे हैं तो उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेंद्र पांडेय, स्वतंत्र सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्यप्रदेश के विजय वर्गीय के साथ तमाम फोटो आश्रम में दिखते हैं। इसी का परिणाम रहा कि दूधिया से बाबा बने इस गुरु "घंटाल" के आश्रम में तमाम लोगों की भीड़ लगती थी। और अब उनके तमाम काले चिट्ठे सामने आ रहे हैं। 
 

Comments

Popular posts from this blog

26/11 what mumbai diaries/Expose irresponsible electronic media/ Live reporting of TV became helpful to terrorists