यूपी : भारत के सभी नागरिक हिंदू हैं : भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत भविष्य का भारत पर संघ का दृष्टिकोण समझाया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक सरसंघ संचालक मोहन भागवत ने बरेली में कहा कि भारत में हम सब हिंदू वासी हैं, जाति पंथ,संप्रदाय, प्रांत और तमाम विविधताओं के बावजूद हम एक सभी को मिलकर भारत निर्माण करना है। जब जब हिंदुत्व कमजोर हुआ तब तब भारत का भूगोल बदला है इसलिए हमें विभिन्न संस्कृति और विविधाओं के बीच एक रहना है।
भागवत ने कहा कि संघ को लेकर तमाम भ्रांतियां फैलाई जाती है इन भ्रांति का समाधान तभी हो सकता है जब संघ को कोई नजदीक से समझें। संघ के पास कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है और ना ही किसी को अपने हिसाब से चलाता है। अन्य लोग कहते हैं विविधा एकता है जबकि हम एकता में विविधता मानते हैं। संघ का दृष्टिकोण समझाते हुए कहा की हमें जाति, प्रांत और क्षेत्रवाद को छोड़कर हिंदू होने पर गर्व करना होगा। क्योंकि जो भी भारत में है पैदा हुआ, उसके वंशज हैं। वह सब हिंदू ही होते हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि सत्य पर आधारित विरोध करने पर सुधार होता है, लेकिन बिना सोचे समझे गुमराह किया जाना अनुचित है। उन्होंने संघ के दृष्टिकोण को विस्तार से समझाते हुए कहा कि भारत एक मजबूत देश है दुनिया मैं उसकी पहचान बन चुकी है इसे और मजबूत करना है उन्होंने साफ किया किसी राजनीति से जुड़ा नहीं लेकिन जब जब कोई विचार होता है तो प्रकट किया जाता है पिछले दिनों जनसंख्या नियंत्रण संबंधी मेरे बयान पर भ्रम फैलाया गया जबकि ऐसा नहीं कहा गया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक सरसंघ संचालक मोहन भागवत ने बरेली में कहा कि भारत में हम सब हिंदू वासी हैं, जाति पंथ,संप्रदाय, प्रांत और तमाम विविधताओं के बावजूद हम एक सभी को मिलकर भारत निर्माण करना है। जब जब हिंदुत्व कमजोर हुआ तब तब भारत का भूगोल बदला है इसलिए हमें विभिन्न संस्कृति और विविधाओं के बीच एक रहना है।
भागवत ने कहा कि संघ को लेकर तमाम भ्रांतियां फैलाई जाती है इन भ्रांति का समाधान तभी हो सकता है जब संघ को कोई नजदीक से समझें। संघ के पास कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है और ना ही किसी को अपने हिसाब से चलाता है। अन्य लोग कहते हैं विविधा एकता है जबकि हम एकता में विविधता मानते हैं। संघ का दृष्टिकोण समझाते हुए कहा की हमें जाति, प्रांत और क्षेत्रवाद को छोड़कर हिंदू होने पर गर्व करना होगा। क्योंकि जो भी भारत में है पैदा हुआ, उसके वंशज हैं। वह सब हिंदू ही होते हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि सत्य पर आधारित विरोध करने पर सुधार होता है, लेकिन बिना सोचे समझे गुमराह किया जाना अनुचित है। उन्होंने संघ के दृष्टिकोण को विस्तार से समझाते हुए कहा कि भारत एक मजबूत देश है दुनिया मैं उसकी पहचान बन चुकी है इसे और मजबूत करना है उन्होंने साफ किया किसी राजनीति से जुड़ा नहीं लेकिन जब जब कोई विचार होता है तो प्रकट किया जाता है पिछले दिनों जनसंख्या नियंत्रण संबंधी मेरे बयान पर भ्रम फैलाया गया जबकि ऐसा नहीं कहा गया था।
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