बैंक ग्राहकों के अधिकार, कर्मचारी तंग करें तो आरबीआई तक पहुंचाएं शिकायत

 ग्राहकों को बैंक सेवाओं से जुड़े कुछ अधिकार मिले हुए हैं, जिनकी जानकारी के अभाव में वह इसका फायदा नहीं उठा पाते। बैंक में ग्राहकों को कई अधिकार मिलते हैं। अक्सर देखा गया है कि ग्राहक बैंकों के रवैये, लेटलतीफी और कर्मचारियों के बर्ताव से नाखुश होते हैं। ग्राहकों की शिकायत होती है कि बैंक छोटे से छोटे काम को टालते रहते हैं और कई बार बैंक के चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें अपनी समस्या का हल नहीं मिलता। ग्राहकों की समस्या के लिए बैंकिंग लोकपाल हैं जो ऐसी तमात समस्याओं के समाधान का निपटारा करते हैं।
वहीं, ग्राहकों को बैंक सेवाओं से जुड़े कुछ अधिकार मिले हुए हैं, जिनकी जानकारी के अभाव में वह इसका फायदा नहीं उठा पाते। बैंक में ग्राहकों को कई ऐसे अधिकार मिलते हैं, जिनकी जानकारी आमतौर पर नहीं होती। ग्राहकों के साथ बैंक का सही व्यवहार करना जरूरी है। ग्राहकों को अधिकार है कि अगर बैंक उनके साथ शिष्टाचार और उचित व्यवहार नहीं करता तो वह सीधे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) तक अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं।
ग्राहकों को पारदर्शिता और ईमानदारी का अधिकार मिला हुआ है। बैंक ग्राहकों को जो भी सेवाएं दे वह पारदर्शी हों। जैसे कॉन्ट्रैक्ट या एग्रीमेंट आदि पर पारदर्शिता हो। ग्राहकों को पता रहे कि किन शर्तों पर उन्हें सेवाएं और सहुलियतें मिल रही हैं।
इसके अलावा ग्राहकों को निजता का अधिकार भी मिला हुआ है। यानि कि बैंक ग्राहक की सहमति के बिना उसके खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते। ग्राहकों को अकाउंट खोलने का अधिकार मिला हुआ है, कोई भी बैंक आपके वैलिड दस्तावेज दिखाने पर अकाउंट खोलने से मना नहीं कर सकता। इसके लिए शर्त है कि खाता भारतीय नागरिक हो।

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