Labour Day : मीडियाकर्मियों की एकता पर जोर




  • मजदूर दिवस पर आईएफडब्ल्यूजे का अनूठा आयोजन, मीडियाकर्मियों की एकता पर जोर

लखनऊ। इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) ने कोरोना संकट के इस दौर में अवैध छंटनी और वेतन कटौती कर रहे मीडिया घरानों को चेतावनी देते हुए केंद्र व राज्य सरकारों से मीडियाकर्मियों के हितों की रक्षा करने की अपील की है।
कोरोना संकट के चलते देशव्यापी लाकडाउन के बीच इस बार मजदूर दिवस के मौके पर आईएफडब्लूजे ने वीडियो कांफ्रैसिंग के जरिए वेबिनार का आयोजन कर विभिन्न प्रदेशों की अपनी ईकाईयों के पदाधिकारियों व अन्य वरिष्ठ पत्रकार साथियों से 'कोरोना संकट और मीडिया की चुनौतियां'  विषय पर चर्चा की। वेबिनार का उद्घाटन करते हुए उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या  ने कहा कि यूपी सरकार कोरोना संकट में पत्रकार हितों का पूरा ख्याल रखेगी और सभी श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वेबिनार में आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय पदाधिकारियों सहित राज्य ईकाईयों के पदाधिकारियों व वरिष्ठ पत्रकारों सहित 40 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
आईएफडब्ल्यूजे के इस अनूठे आयोजन में उत्तर प्रदेश के साथ कर्नाटक, तेलंगाना, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के तमाम पत्रकार साथी व संगठन पदाधिकारी  वेबिनार मे शामिल हुए। आईएफडब्ल्यूजे अध्यक्ष बी.वी. मल्लिकार्जुनैय्या, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी और प्रधान महासचिव परमानंद पांडे ने राज्यों के पदाधिकारियों से हालात, राहत के उपायों और संगठन के प्रयासों की जानकारी ली।
देश के सभी मीडिया संगठनों में पहली बार आईएफडब्ल्यूजे ने तकनीकी का इस्तेमाल कर मजदूर दिवस पर इस तरह का आयोजन किया। आईएफडब्लूजे राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. मल्लिकार्जुनैय्या ने कहा कि मीडियाकर्मियों की एकता ही आज के दिन का सबसे बड़ा संदेश है। संकट के इस काल में सबको एकजुटता का परिचय देना है। राष्टीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में मिलकर लड़ना होगा और मीडियाकर्मियों को परेशानी से निकालना होगा। संगठन उपाध्यक्ष व उत्कल जर्नलिस्ट यूनियन अध्यक्ष विभूति भूषण कार ने कहा कि उनके संगठन की मांग पर उड़ीसा सरकार ने कोरोना के इस काल में पत्रकारों के हित के लिए कई फैसले लिये हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार के.एम. झा ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पत्रकारों को भी कोरोना वारियर का दर्जा देने की मांग की है। वरिष्ठ पत्रकार और आईएफडब्लूजे के वर्किंग कमेटी सदस्य ईशमधु तलवार ने बताया राजस्थान ईकाई के प्रयासों से वहां सभी पात्र पत्रकारों को पेंशन इसी साल अप्रैल से शुरु हो गयी है। वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ देश के जाने माने लेखक ईशमधु तलवार ने पत्रकारों के बीच तकनीकी के सहयोग से ज्यादा से संवाद बढ़ाने की जरुरत बताई।
गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार बसंत रावत ने अपने राज्य की चिंताजनक हालत और पत्रकारों की दशा के बारे में बताया। मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार रामकिशोर त्रिवेदी ने कहा कि कोरोना काल के बाद पत्रकारिता की दिशा व दशा बदलेगी साथ ही नयी तकनीकी में काम करने की जरुरत होगी।
आईएफडब्लूजे के प्रधान महासचिव परमानंद पांडे ने कहा कि मीडियाकर्मियों की एकता के साथ ही कोरोना संकट के बाद के समय में पत्रकारों को नयी हालात के हिसाब खुद को तकनीकी व प्रशिक्षण से लैस करने की जरुरत है। वरिष्ठ पत्रकार उत्कर्ष सिन्हा ने डिजिटल मीडिया को वर्किंग जर्नलिस्ट कानून के दायरे में लाने की वकालत की। यूपीडब्लूजेयू अध्यक्ष भास्कर दुबे ने कहा कि बड़ी तादाद में उत्तर प्रदेश के पत्रकार संकट से गुजर रहे हैं जिनकी मांगों लेकर श्रम मंत्री को ज्ञापन दिया जा रहा है। तेलंगाना ईकाई के कप्पारा प्रसाद ने अपने राज्य की हालात के बारे में बताया। हरियाणा ईकाई के संजय जैन वहां पत्रकारों की जांच व अन्य जरुरतों के बारे में बताया। आईएफडब्लूजे कोषाध्यक्ष ने विशेषतौर पर यूपी के नोयडा की हालात पर जानकारी दी। कार्यक्रम के संचालक आईएफडब्लूजे सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि आने वाले समय में भी संगठन तकनीकी के सहारे लगातार संवाद बनाए रखेगा।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से यूपीडब्लूजेयू अध्यक्ष भास्कर दुबे, टी.बी. सिंह, उत्कर्ष सिन्हा, अजय त्रिवेदी, सिद्धार्थ कलहंस हरियाणा से संजय जैन, राजस्थान से वरिष्ठ पत्रकार व लेखक ईशमधु तलवार, महाराष्ट्र मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार रामकिशोर त्रिवेदी, राष्ट्रीय सचिव चेन्नई के के असददुल्लाह, उड़ीसा से विभूति भूषण कार, छत्तीसगढ़ से ईश्वर दुबे, मध्यप्रदेश से आईएफडब्ल्यूजे उपाध्यक्ष के.एम.झा, गुजरात से वरिष्ठ पत्रकार बसंत रावत, तेलंगाना ईकाई के अध्यक्ष डा. अशोक,  कर्नाटक से पच्चा वेंकटमुनि, दिल्ली से चंद्रकांत, पीपीएन सिन्हा, नोयडा से आईएफडब्ल्यूजे कोषाध्यक्ष रिंकू यादव सहित कई अन्य साथी मौजूद थे।

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