Corona Attack on Media Jobs : मीडिया कर्मियों की नौकरी पर कोरोना का हमला

हिंदुस्तान बरेली से पांच मीडियाकर्मी नौकरी से हटाए गए : निर्मल कांत शुक्ला 

वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान लॉक डाउन में निजी क्षेत्र के किसी भी संस्थान से कर्मचारी को ना निकाले जाने और उसके वेतन से किसी प्रकार की कोई कटौती न किए जाने की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील छापने वाले अखबारों ने सबसे पहले उल्लंघन शुरू किया। बड़ी खबर हिंदुस्तान बरेली से है, जहां संस्थान ने लॉक डाउन के बहाने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। चिन्हित किए गए कर्मचारियों पर इस्तीफा देकर संस्थान छोड़ देने का दबाव बनाया जा रहा है। कईयों को टर्मिनेशन लेटर उनके पते पर कोरियर से भेज दिया गया।
जिन कर्मचारियों के पते पर कोरियर से टर्मिनेशन लेटर भेजा गया है, उसमें हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश सिंह गौतम ने कहा है कि आपको सर्विस से टर्मिनेट किया जा रहा है। इंडस्ट्री में राजस्व गिर गया है। अखबार का प्रसार गिर गया है। वैश्विक संकट व लोकल समस्या के चलते स्थिति गंभीर हो गई है। 31 दिसंबर 2019 में कंपनी का बिजनेस 7% कम हो गया है। ऐसे में आपकी योग्यता व अनुभव मौजूदा परिस्थितियों में कंपनी के काम के नहीं है। इसीलिए कास्ट लाइन में कटौती कर रहे हैं, जिसमें ह्यूमन रिसोर्स भी है। ह्यूमन रिसोर्स के अंतर्गत सर्विस में भी कटौती कर रहे हैं, इसलिए आपको सर्विस से टर्मिनेट किया जा रहा है।
हिंदुस्तान की बरेली यूनिट में विज्ञापन विभाग में डिजाइनर के पद पर तैनात भागीरथ जो कि लॉक डाउन में घर से ही सिस्टम पर कार्य कर रहा था, 27 मई को उसके घर पर लगे सिस्टम को कंपनी के अधिकारियों ने वापस मंगवा लिया और फोन पर उसे मना कर दिया कि अब उसकी सेवाओं की कंपनी को आवश्यकता नहीं है। तब से भागीरथ कंपनी के विज्ञापन प्रबंधक मनीष राय व एचआर के सहायक प्रबंधक सत्येंद्र अवस्थी को मोबाइल पर फोन कर रहा है लेकिन फोन नहीं उठ रहा है। उसकी माह मई की सैलरी भी अकाउंट में नहीं आई है। विज्ञापन विभाग के ही सौरभ जो कि क्लासीफाइड विज्ञापन की बुकिंग का कार्य देखते थे, उनको भी 27 मई को फोन पर ऑफिस आने से मना कर दिया गया।
बरेली यूनिट के प्रोडक्शन विभाग में कार्यरत एग्जीक्यूटिव हरपाल को मंगलवार को प्रोडक्शन मैनेजर प्रलय चक्रवर्ती व एचआर के सहायक प्रबंधक सत्येंद्र अवस्थी ने अपने कक्ष में बुलाया और इस्तीफा लिख कर देने को कहा। हरपाल ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया, तब बुधवार को उसके घर के पते पर कोरियर से टर्मिनेशन लेटर भेज दिया गया। हरपाल वर्ष 2014 से बरेली यूनिट में कार्य बताए जाते हैं। इससे पहले वे टाइम्स ऑफ इंडिया में अपनी सेवाएं दे रहे थे। बुधवार को उन्हें उनके विभागीय हेड बलराम ने फोन कर समझाया कि दो के बजाय 4 माह की सैलरी दिला दी जाएगी, इस्तीफा दे दो। हरपाल के इस्तीफा न देने पर अड़ जाने से बरेली में प्रोडक्शन विभाग के अधिकारी उच्च अधिकारियों को जवाब देने को लेकर परेशान है। हरपाल को यह भी झांसा दिया गया कि यदि वह स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंगे तो उनको कंपनी कुछ दिन बाद हल्द्वानी यूनिट में एडजस्ट कर देगी।

बताते है कि हिंदुस्तान बरेली यूनिट में प्रोडक्शन विभाग में मैकेनिकल में कार्यरत भुल्लन व इलेक्ट्रीशियन जगदीश दास की भी लॉक डाउन में सेवाएं समाप्त कर दी गई।

मंगलवार को प्रोडक्शन मैनेजर व एचआर के हेड ने भुल्लन व जगदीश दास को बुलाकर उनसे जबरदस्ती इस्तीफा लिखा लिया। बताते है कि हिंदुस्तान बरेली यूनिट में करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारियों को छटनी के लिए चिन्हित कर लिया गया, जिनसे धीरे-धीरे बुलाकर इस्तीफा लिखवाया जा रहा है। छटनी की कार्रवाई को लेकर बरेली यूनिट में दहशत का माहौल है। हर किसी को अपने ऊपर तलवार लटकी नजर आ रही है।

कर्मचारी इस कार्रवाई को मजीठिया वेज बोर्ड से जोड़कर भी देख रहे हैं क्योंकि कंपनी में जो लोग मजीठिया की लड़ाई पिछले कई वर्षों से लड़ रहे हैं और बराबर मैदान में डटे हैं, वे कंपनी के लिए परेशानी का बड़ा कारण बने हुए हैं। क्लेम के मुताबिक उनकी कंपनी पर करोड़ों रुपए की देनदारी बन रही है।


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