Mukti Bhatnagar No More : मुक्ति भटनागर का निधन


  • मुक्ति भटनागर का निधन


सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ  की संस्थापक सदस्य डॉ. मुक्ति भटनागर का निधन। पिछले कई दिनों से चल रही थी बीमार। सुभारती ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अतुल कृष्ण की पत्नी थीं मुक्ति भटनागर।

  • मुक्ति रहीं सुभारती आंदोलन की जनक 

डॉ. मुक्ति भटनागर का जन्म 1957 में हुआ। उनका शुरू से ही जुनून था कि वह खुद वह अपने परिवार के साथ ऐसी देश सेवा करें, जिन्हें शायद ही भूला जा सके। सबसे ज्यादा उनका योगदान चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति रहा। वह सुभारती आंदोलन की जनक भी रहीं। मेरठ तथा देहरादून के सुभारती विश्वविद्यालय की उनके निधन से सुभारती परिवार में मातम छा गया है।


  • बौद्ध रीति से होगा अंतिम संस्कार

सुभारती परिवार की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि डॉक्टर मुक्ति भटनागर का अंतिम संस्कार सोमवार को सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा। यह भी अपील की गई है कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए करीबी, परिचित और उनसे जुड़े लोग स्वयं अंतिम संस्कार में न आकर अपने स्थान से ही प्रार्थना करें। परिवार में उनके पति डॉक्टर अतुल कृष्ण भटनागर के अलावा उनकी बेटी डॉ. शल्या व अन्य सदस्य हैं।


  • कोविड में सुभारती ने बचाई जानें

सुभारती विश्वविद्यालय व सुभारती मेडिकल कॉलेज में कोरोना के काल में  बड़ा योगदान दिया है। वेस्ट यूपी ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के मरीजों का भी यहां उपचार किया गया। सुभारती अस्पताल शुरुआत से ही कोविड सेंटर बनाया गया, जो अभी तक कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहा है। यहां मरीजों को एक नई जिंदगी सुभारती अस्पताल ने दी है।

Comments

Popular posts from this blog

हनुमानजी की जाति ?

Pranab da on Nepal : नेपाल पर प्रणबदा

दिल्ली : 1857 की क्रांति के नायकों के वारिसों का सम्मेलन