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  • मनुष्य मूलत: शुभ है : अनिल धर




  • महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय,बिहार में विशिष्ट व्याख्यान 
  • 'अहिंसा एवं शांति के वैचारिक पहलुओं का विकास' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन


मोतिहारी, पू चम्पारण (बिहार): गाँधी एवं शांति अध्ययन विभाग, महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के तत्वावधान में 'अहिंसा एवं शांति के वैचारिक पहलुओं का विकास' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय प्रति-कुलपति प्रो.जी.गोपाल रेड्डी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.अनिल धर(अध्यक्ष, अहिंसा एवं शांति विभाग, जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ, राजस्थान) ने कार्यक्रम को संबोधित किया। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो. जी. गोपाल रेड्डी (माननीय प्रति-कुलपति,महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार) ने कहा कि वर्तमान समय में सुरक्षा एक बड़ा प्रश्न है। 'अहिंसा' ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। 
सभी का स्वागत करते हुए डॉ. नरेंद्र आर्या (सह-आचार्य, राजनीति विज्ञान विभाग,महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार) ने वर्तमान संदर्भों में अहिंसा एवं शांति की वैचारिक प्रतिबद्धता की ओर संकेत किया।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रो.अनिल धर (अध्यक्ष, अहिंसा एवं शांति विभाग, जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ, राजस्थान) ने कहा कि जीवन की प्रगति के क्रम में हमने विकास किया है लेकिन सिद्धातों को व्यवहार में लाने की अति आवश्यकता है। आज सम्पूर्ण विश्व के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती 'अस्तित्व' की रक्षा है। मनुष्य मूलतः शुभ है। सही-गलत के निर्णय से अलग हमें जीवन को उसकी गति के साथ स्वीकारना होगा। हर 'संत' का अतीत होता है और हर 'पापी' का भविष्य होता है। हमें  जीवन दृष्टि के प्रति ईमानदार होना होगा। सरलता के साथ इच्छाओं पर नियंत्रण कर हम 'सत्यम शिवम सुंदरम' की यात्रा तय कर सकते हैं।
आशीर्वचन देते हुए प्रो.राजीव कुमार (कुलसचिव, प्रशासन, महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार) ने कहा कि अहिंसा,करुणा जैसे जीवन मूल्यों पर चर्चा-परिचर्चा करके हम अपने 'विजन' को मूर्त रूप दे सकते हैं। यह व्याख्यान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों,शोधार्थियों के लिए लाभकारी है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रो.सुनील महावर(अध्यक्ष,गाँधी एवं शांति अध्ययन विभाग,महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय,बिहार) ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में गाँधी और गाँधी मूल्य के वैचारिक मूल्यों को जानना,समझना और आत्मसात करना अति आवश्यक है। यह व्याख्यान इसी दिशा में एक कदम है।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. जुगल किशोर दाधीच(सह-आचार्य,गाँधी एवं शांति अध्ययन विभाग,महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार) ने किया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से विद्यार्थियों,शोधार्थियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाया। (अनिल कुमार सिंह)

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